AIN NEWS 1 | दिल्ली में रविवार, 14 सितंबर 2025 को एक ऐसा हादसा हुआ जिसने पूरे सरकारी तंत्र और आम जनता को झकझोर दिया। वित्त मंत्रालय में डिप्टी सेक्रेटरी के पद पर कार्यरत नवजोत सिंह और उनकी पत्नी संदीप कौर की ज़िंदगी कुछ ही क्षणों में बदल गई। सुबह जहां दोनों के लिए श्रद्धा और खुशी का पल था, वहीं दोपहर तक यह दिन दर्द और ग़म में बदल गया।
सुबह की खुशियां, दोपहर का मातम
रविवार की सुबह नवजोत सिंह और उनकी पत्नी संदीप कौर अपने घर प्रताप नगर से बंगला साहिब गुरुद्वारा पहुंचे। वहां माथा टेकने के बाद उन्होंने कर्नाटक भवन, आर.के. पुरम में लंच किया और फिर घर लौटने लगे। सब कुछ सामान्य और आनंदमय लग रहा था, लेकिन किस्मत को कुछ और ही मंजूर था।
BMW की टक्कर और ज़िंदगी की जंग
प्रताप नगर के रास्ते में अचानक पीछे से तेज रफ्तार BMW ने उनकी बाइक को ज़ोरदार टक्कर मार दी। हादसा इतना भीषण था कि नवजोत सिंह और संदीप दोनों सड़क पर गिर पड़े और गंभीर रूप से घायल हो गए। राहगीरों और स्थानीय लोगों ने तुरंत मदद की कोशिश की, लेकिन तब तक दोनों की हालत नाज़ुक हो चुकी थी।
कुछ घंटे के भीतर ही दिल्ली के इस दर्दनाक हादसे ने 52 वर्षीय डिप्टी सेक्रेटरी नवजोत सिंह की जान ले ली। उनकी पत्नी संदीप कौर को गंभीर चोटें आईं और फिलहाल वे अस्पताल में इलाजरत हैं।
नवजोत सिंह को लगी गंभीर चोटें
संदीप कौर ने पुलिस को बताया कि हादसे के समय वह हेलमेट पहने थीं और उनके पति ने पगड़ी पहन रखी थी। नवजोत सिंह को सिर और चेहरे पर गंभीर चोटें आईं, वहीं संदीप के कई हड्डियां टूट गईं और उनके सिर पर 14 टांके लगाने पड़े।
BMW चालक पर गंभीर आरोप
इस हादसे में BMW की चालक महिला गगनप्रीत और उनके पति परिक्षित का नाम सामने आया। दोनों गुरुग्राम के रहने वाले हैं और लेदर प्रोडक्ट्स के बिजनेस से जुड़े हैं। संदीप कौर ने पुलिस को बयान दिया कि हादसे के बाद उन्होंने बार-बार अनुरोध किया कि उन्हें पास के अस्पताल ले चलो, क्योंकि नवजोत की हालत बेहद गंभीर थी।
लेकिन गगनप्रीत ने उन्हें पास के अस्पताल ले जाने की बजाय जीटीबी नगर स्थित न्यूलाईफ अस्पताल पहुंचाया, जो अपेक्षाकृत छोटा और दूर था। संदीप का कहना है कि अगर नवजोत को समय रहते नज़दीकी अस्पताल ले जाया जाता तो शायद उनकी जान बचाई जा सकती थी।
FIR दर्ज, आरोप गंभीर
दिल्ली पुलिस ने गगनप्रीत और उनके पति परिक्षित के खिलाफ ग़ैर-इरादतन हत्या (culpable homicide not amounting to murder), लापरवाह ड्राइविंग और सबूत छिपाने जैसी गंभीर धाराओं में मामला दर्ज कर लिया है।
पुलिस की जानकारी के अनुसार, हादसे में गगनप्रीत और परिक्षित को मामूली चोटें आई थीं। कोर्ट के आदेश के बाद गगनप्रीत को अस्पताल से छुट्टी देकर हिरासत में लिया गया और आगे की जांच की जा रही है।
परिवार और समाज में ग़म का माहौल
नवजोत सिंह की अचानक मौत ने उनके परिवार, मित्रों और सहकर्मियों को गहरे सदमे में डाल दिया है। वित्त मंत्रालय में कार्यरत सहयोगियों का कहना है कि नवजोत सिंह मेहनती और ईमानदार अफसर थे, जिनकी कमी हमेशा महसूस की जाएगी।
साथ ही, इस घटना ने फिर एक बार दिल्ली की सड़कों पर तेज रफ्तार और लापरवाह ड्राइविंग के खतरे को उजागर कर दिया है।
सड़क सुरक्षा पर सवाल
यह हादसा केवल एक परिवार की त्रासदी नहीं, बल्कि पूरे समाज के लिए चेतावनी है। अक्सर तेज रफ्तार और शराब के नशे में गाड़ी चलाने से हादसे होते हैं, लेकिन लापरवाही और ज़िम्मेदारी की कमी के कारण पीड़ित परिवारों को हमेशा के लिए दर्द झेलना पड़ता है।
सरकार और पुलिस प्रशासन के सामने यह बड़ा सवाल खड़ा करता है कि क्या कड़े कानूनों और जागरूकता अभियानों के बावजूद सड़क सुरक्षा को लेकर गंभीरता नहीं बरती जा रही?
पत्नी संदीप कौर का दर्द
अस्पताल के बिस्तर से संदीप ने पुलिस को दिए बयान में कहा –
“मैं बार-बार गगनप्रीत से कह रही थी कि हमें पास के अस्पताल ले चलो। मेरे पति बेहोश थे और तत्काल इलाज की जरूरत थी। लेकिन उन्होंने हमारी बात नहीं मानी और हमें दूर के छोटे अस्पताल ले गईं। अगर समय पर सही अस्पताल पहुंचा दिया होता तो शायद आज मेरे पति जिंदा होते।”
उनकी यह पीड़ा केवल व्यक्तिगत नहीं, बल्कि हर उस परिवार की आवाज़ है जिसने सड़क हादसों में अपनों को खोया है।