AIN NEWS 1: भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हाल ही में ब्रुनेई का दौरा किया। यह पहला मौका था जब भारत का कोई प्रधानमंत्री ब्रुनेई गया है। इस छोटे से इस्लामिक देश की यात्रा का कारण और उसके महत्व को समझना दिलचस्प है। आइये जानें कि ब्रुनेई, जिसकी आबादी केवल 4 लाख है और प्रति व्यक्ति आय भारत से 13 गुना अधिक है, भारत के लिए क्यों महत्वपूर्ण है।
ब्रुनेई का परिचय
ब्रुनेई, जो बोर्नियो द्वीप पर स्थित है, एक इस्लामिक देश है और इसके राजा हसनल बोल्किया ने पीएम मोदी को आमंत्रित किया था। ब्रुनेई का सुल्तान, हसनल बोल्किया, 1984 से देश का शासक है और विश्व के सबसे अमीर व्यक्तियों में से एक है। उनकी संपत्ति 28 अरब डॉलर (लगभग 2 लाख 35 हजार करोड़ रुपए) आंकी जाती है।
सुल्तान की विलासिता
सुल्तान की विलासिता की कहानियाँ प्रसिद्ध हैं। वे बाल कटवाने पर 16 लाख रुपए खर्च करते हैं और उनके हेयर स्टाइलिस्ट को प्राइवेट चार्टर्ड प्लेन से बुलाया जाता है। उन्होंने खुद के लिए एक बोइंग 747 विमान खरीदी है, जिसमें सोने का वॉश बेसिन और गोल्ड प्लेटेड खिड़कियां शामिल हैं। इसके अलावा, 50 अरब रुपए की लागत से एक शानदार महल ‘इस्ताना नुरुल इमान’ भी बनवाया है, जो गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड में दर्ज है।
ब्रुनेई की अर्थव्यवस्था
ब्रुनेई की अर्थव्यवस्था मुख्य रूप से तेल और गैस पर निर्भर है। 1929 में तेल की खोज के बाद, यह देश विश्व के प्रमुख तेल उत्पादक देशों में शामिल हो गया। ब्रुनेई की जीडीपी 1668.15 करोड़ अमेरिकी डॉलर है, जिसमें से आधा तेल और गैस के निर्यात से आता है। यहां प्रति व्यक्ति आय 29,133 डॉलर (लगभग 24.46 लाख रुपए) है, जबकि भारत की प्रति व्यक्ति आय 2,239 डॉलर (लगभग 1 लाख 87 हजार रुपए) है।
ब्रुनेई की मजबूत अर्थव्यवस्था के कारण यहां शिक्षा और स्वास्थ्य सेवाएं मुफ्त हैं। देश ने तेल की आय को विभिन्न क्षेत्रों में निवेश किया है, जिससे उसकी अर्थव्यवस्था केवल तेल पर निर्भर नहीं रही है।
टैक्स हेवन की भूमिका
ब्रुनेई को टैक्स हेवन माना जाता है। यहां पर्सनल इनकम पर कोई टैक्स नहीं लगता, और इसका फायदा उन लोगों को होता है जो टैक्स से बचना चाहते हैं। ब्रुनेई में करेंसी एक्सचेंज की निगरानी नहीं की जाती, जिससे पूंजी का विदेश में ट्रांसफर आसान होता है।
पीएम मोदी की यात्रा: महत्व और उद्देश्य
ब्रुनेई की यात्रा का उद्देश्य:
प्रधानमंत्री मोदी की ब्रुनेई यात्रा के कई उद्देश्य हैं। हाल ही में, वियतनाम और मलेशिया के राष्ट्रपति भारत का दौरा कर चुके हैं। इसी क्रम में पीएम मोदी ने ब्रुनेई का दौरा किया। यह यात्रा भारत की एक्ट ईस्ट पॉलिसी का हिस्सा है और ब्रुनेई के साथ राजनयिक संबंधों की 40वीं वर्षगांठ के अवसर पर की गई है।
भारत के लिए महत्व:
ब्रुनेई भारत के लिए डिफेंस, ट्रेड, एनर्जी और स्पेस टेक्नोलॉजी के क्षेत्रों में महत्वपूर्ण है।
– स्पेस टेक्नोलॉजी: ब्रुनेई भारत के साथ स्पेस टेक्नोलॉजी में सहयोग करता है और भारत ने ब्रुनेई में कई ग्राउंड स्टेशन स्थापित किए हैं।
– एनर्जी: ब्रुनेई भारत को तेल निर्यात करता है, हालांकि हाल के दिनों में रूस से तेल आयात बढ़ने के कारण ब्रुनेई से तेल की खरीद में कमी आई है।
– डिफेंस: भारत की नौसैनिक जहाज ब्रुनेई का दौरा करती रहती हैं। अब भारत एक जॉइंट वर्किंग ग्रुप ऑन डिफेंस की स्थापना करने जा रहा है।
ब्रुनेई और साउथ चाइना सी विवाद
ब्रुनेई साउथ चाइना सी विवाद में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है, लेकिन भारत और ब्रुनेई के बीच इस विवाद को लेकर कोई प्रमुख संघर्ष नहीं है। भारत भी इस मुद्दे का शांतिपूर्ण समाधान चाहता है।
ब्रुनेई की विशेषताएं
उमर अली मस्जिद:
ब्रुनेई की बंदर सेरी बेगावान में स्थित उमर अली सैफुद्दीन मस्जिद दक्षिण-पूर्व एशिया की सबसे सुंदर मस्जिदों में से एक है। इसका निर्माण 1958 में हुआ था और इसे भारत के ताजमहल की तर्ज पर डिजाइन किया गया है।
ब्रुनेई के बारे में यह जानकारी इस देश की अर्थव्यवस्था, राजनीति और सांस्कृतिक विशेषताओं को स्पष्ट करती है। पीएम मोदी की यह यात्रा दोनों देशों के बीच संबंधों को और मजबूत करने का एक महत्वपूर्ण कदम है।