AIN NEWS 1: उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर में एक दारोगा को अपनी भतीजी की शादी के लिए छुट्टी तब मिली जब शादी समारोह समाप्त हो चुका था। यह मामला सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद अधिकारियों ने जांच के आदेश दिए हैं।
क्या है पूरा मामला?
बुलंदशहर के अरनिया कोतवाली में तैनात दारोगा सुभाष कुमार ने 5 नवंबर को 12 नवंबर से 17 नवंबर तक की छुट्टी के लिए प्रार्थना पत्र एसएसपी बुलंदशहर को भेजा था। इसमें बताया गया था कि 12 नवंबर को भतीजी की सगाई और 15 नवंबर को शादी है। दारोगा ने अपनी भतीजी की शादी के लिए छुट्टी मांगी थी, लेकिन मामला तब और दिलचस्प हो गया जब यह छुट्टी 15 नवंबर को ही स्वीकृत हुई, यानी भतीजी की विदाई के बाद।
पत्रों का रास्ता
दारोगा की छुट्टी के प्रार्थना पत्र की प्रक्रिया भी लंबी चली। सबसे पहले यह पत्र कोतवाली अरनिया में इंस्पेक्टर के पास रखा गया, फिर 11 नवंबर को इसे सीओ खुर्जा के पास भेजा गया। इसके बाद, सीओ ऑफिस से 15 नवंबर को एसपी देहात के पास भेजा गया और अंततः छुट्टी स्वीकृत हुई।
वायरल हुआ मामला
इस मामले की जानकारी जब सोशल मीडिया पर सामने आई, तो अधिकारियों ने इसे गंभीरता से लिया। अब एसएसपी श्लोक कुमार ने मामले की जांच एसपी क्राइम को सौंप दी है। एसएसपी ने कहा है कि जांच रिपोर्ट के आधार पर ही आगे की कार्रवाई की जाएगी।
सवालों का घेरे में दारोगा
इस मामले में चर्चा यह भी है कि दारोगा का प्रार्थना पत्र कई दिनों तक अधिकारियों के टेबलों पर दबा रहा, जिससे छुट्टी की स्वीकृति में देरी हुई। सोशल मीडिया पर इस बात की भी आलोचना हो रही है कि छुट्टी का आदेश तब हुआ, जब भतीजी की विदाई हो चुकी थी।
इस पूरे घटनाक्रम को लेकर कई सवाल उठ रहे हैं और पुलिस प्रशासन ने अब जांच की प्रक्रिया शुरू कर दी है। अधिकारियों का कहना है कि जांच रिपोर्ट आने के बाद इस मामले में उचित कार्रवाई की जाएगी।
यह मामला अब अधिकारियों के लिए एक चुनौती बन गया है, जिसमें छुट्टी की स्वीकृति में देरी और प्रार्थना पत्र की प्रक्रिया को लेकर सवाल उठाए जा रहे हैं।