AIN NEWS 1 अल्मोड़ा, उत्तराखंड: उत्तराखंड के अल्मोड़ा जिले के मरचूला क्षेत्र में एक भीषण सड़क हादसा हुआ, जिसमें यात्रियों से भरी बस अनियंत्रित होकर 150 मीटर गहरी खाई में गिर गई। इस दुर्घटना में 36 लोगों की मौत हो गई, जबकि 27 अन्य घायल हुए हैं। गंभीर रूप से घायल छह यात्रियों को एयरलिफ्ट करके एम्स ऋषिकेश में भर्ती कराया गया है।
घटना का विवरण
हादसा सोमवार सुबह करीब 6:30 बजे हुआ, जब गढ़वाल मोटर यूजर्स को-ऑपरेटिव सोसायटी (यूजर्स) की 42 सीटर बस पौड़ी गढ़वाल के किनाथ से रामनगर की ओर जा रही थी। इस बस में 63 यात्री सवार थे। खतरनाक मोड़ पर बस के मोड़ने के प्रयास के दौरान कमानी टूटने की वजह से यह दुर्घटना हुई। बस कूपी बैंड के पास पहुंचने पर अनियंत्रित होकर गहरी खाई में गिर गई।
दुर्घटना के तुरंत बाद, स्थानीय ग्रामीणों ने राहत कार्य शुरू किया। चीख-पुकार सुनकर कूपी और आसपास के गांवों के लोग मौके पर पहुंचे। इसके बाद पुलिस और राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) के जवान भी बचाव कार्य के लिए पहुंचे। घायलों को स्थानीय अस्पतालों में ले जाया गया, जिनमें से गंभीर रूप से घायल लोगों को हल्द्वानी के सुशीला तिवारी अस्पताल में रेफर किया गया।
मृतकों की पहचान
हादसे में 28 लोगों की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि 8 अन्य अस्पताल ले जाते समय दम तोड़ दिए। मृतकों में 10 महिलाएं, बुजुर्ग और बच्चे शामिल हैं। मुख्यमंत्री पुष्करसिंह धामी ने इस दुर्घटना की मजिस्ट्रेटी जांच के आदेश दिए हैं और इस मामले में पौड़ी के प्रभारी संभागीय परिवहन अधिकारी कुलवंत सिंह और अल्मोड़ा की क्षेत्रीय सहायक परिवहन अधिकारी नेहा झा को निलंबित कर दिया गया है।
घटना के बाद की स्थिति
हादसे के दृश्य ने वहां मौजूद लोगों को स्तब्ध कर दिया। शवों और घायलों के बीच मौजूद लोगों की रूह कांप उठी। बचाव कार्य में जुटे नीरज सिंह ने बताया कि कई लोग शवों को देखकर बेहोश हो गए। स्थानीय निवासियों ने त्वरित कार्रवाई करते हुए घायलों को निकालने में मदद की।
सहायता और मुआवजा
राज्य और केंद्र सरकार ने मृतकों के परिवारों के लिए सहायता की घोषणा की है। मृतकों के परिजनों को 4-4 लाख रुपये तथा घायलों को 1-1 लाख रुपये दिए जाएंगे। प्रधानमंत्री राहत कोष से भी मृतकों के परिजनों को 2-2 लाख रुपये और घायलों को 50-50 हजार रुपये प्रदान किए जाएंगे।
चालक की स्थिति
बस के चालक दिनेश थपलियाल ने हादसे के समय परेशान नजर आ रहे थे। एक घायले ने बताया कि चालक बार-बार पैसे को लेकर फोन पर बात कर रहा था और किसी को पैसे की व्यवस्था करने के लिए कह रहा था। यह बात भी चर्चा का विषय बन गई है कि क्या यह दुर्घटना चालक की असावधानी का परिणाम थी।
व्यक्तिगत त्रासदियाँ
इस हादसे में कई परिवारों के सपने बिखर गए। भरत सिंह, जो अपने दो बच्चों को काशीपुर छोड़ने के लिए ले जा रहे थे, ने अपने आंखों के सामने अपने बच्चों को तड़पते हुए देखा। हादसे के बाद उनका दिल टूट गया और उन्होंने यही कहा, “हे भगवान, किस गुनाह की सजा दी।”
निष्कर्ष
यह हादसा न केवल अल्मोड़ा बल्कि पूरे उत्तराखंड में एक गंभीर चिंता का विषय बन गया है। सुरक्षा उपायों की कमी और ओवरलोडिंग जैसी समस्याएं सड़क पर यात्रा करने वाले लोगों के लिए खतरनाक साबित हो रही हैं। ऐसे हादसों को रोकने के लिए सख्त कार्रवाई की आवश्यकता है, ताकि भविष्य में ऐसी दर्दनाक घटनाएं न हों।
राज्य सरकार और संबंधित विभागों को इस दिशा में ठोस कदम उठाने की आवश्यकता है ताकि इस तरह के हादसे फिर से न हों और यात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके।