गाजियाबाद, मोहन नगर – 4 अक्टूबर 2024 को एक व्यापारी द्वारा सरकारी अधिकारियों के खिलाफ अनोखा विरोध प्रदर्शन किया गया, जब उन्होंने GST अधिकारियों पर रिश्वत मांगने का आरोप लगाया। इस घटना में व्यापारी अक्षय जैन, जो कि लोहे के व्यापार से जुड़े हैं और मेरठ के निवासी हैं, ने गुस्से में आकर सरकारी कार्यालय में कपड़े उतार दिए और धरने पर बैठ गए। यह घटना सोशल मीडिया पर वायरल हो गई, जिससे बड़े पैमाने पर चर्चा हो रही है।
घटना का विवरण:
अक्षय जैन ने बताया कि उनकी गाड़ी, जो माल लेकर मेरठ से गाजियाबाद के गोदाम पहुंची थी, सुबह 6 बजे अधिकारियों ने बिना किसी ठोस कारण के जब्त कर ली। अधिकारियों ने गाड़ी के कागजात की मांग की और बिना कोई स्पष्ट कारण बताए गाड़ी अपने कब्जे में ले ली। ड्राइवर को आदेश दिया गया कि व्यापारी को दोपहर 2:30 बजे तक कार्यालय भेजा जाए।
रिश्वत मांगने का आरोप:
अक्षय ने अधिकारियों पर रिश्वत मांगने का गंभीर आरोप लगाया। उन्होंने बताया कि जब उन्होंने अधिकारियों से गाड़ी जब्त करने का कारण पूछा, तो उन्हें बताया गया कि डिलीवरी चालान में माल के साइज का विवरण नहीं दिया गया था। अधिकारियों ने कहा कि धारा 129 के तहत कार्रवाई की जा सकती है और उनसे 1 लाख 95 हजार रुपए के टैक्स के बदले आधी राशि की मांग की गई। अक्षय ने पैसा देने से मना कर दिया और विरोधस्वरूप अधिकारियों के सामने कपड़े उतार दिए।
अनोखा विरोध प्रदर्शन:
अक्षय ने बताया कि वह जैन धर्म के अनुयायी हैं, जिसे अहिंसा का पालन करना सिखाया जाता है। उन्होंने कहा कि वे अत्यधिक आवेश में थे और उन्होंने दिगंबर अवस्था का जिक्र करते हुए कपड़े उतार दिए। इसके बाद, जॉइंट कमिश्नर ने हस्तक्षेप किया और व्यापारियों से बातचीत की। अधिकारियों ने स्वीकार किया कि गाड़ी को इस तरह से छोड़ना अधिकारी की नौकरी पर सवाल खड़ा कर सकता है, जिसके बाद अक्षय से 10,000 रुपए की पेनल्टी लेकर गाड़ी को छोड़ दिया गया।
व्यापारियों की प्रतिक्रिया:
इस घटना के बाद व्यापारिक समुदाय ने भी अधिकारियों के रवैये की निंदा की है और सरकारी विभागों द्वारा किए जा रहे उत्पीड़न पर सवाल उठाए हैं। अक्षय ने दावा किया कि अधिकारियों ने प्रताड़ित करने की कोशिश की और रिश्वत मांगकर उनका शोषण किया।
यह घटना एक बार फिर यह सवाल उठाती है कि क्या सरकारी अधिकारी अपने कर्तव्यों का सही पालन कर रहे हैं, या व्यापारियों को बेवजह प्रताड़ित किया जा रहा है?