CAG रिपोर्ट: नई शराब नीति से AAP सरकार को 2,002 करोड़ रुपये का नुकसान
CAG रिपोर्ट में बड़ा खुलासा: नई शराब नीति से AAP सरकार को 2,002 करोड़ रुपये का नुकसान
AIN NEWS 1: दिल्ली में केजरीवाल सरकार द्वारा शराब नीति लागू करने के कारण आम आदमी पार्टी (AAP) सरकार को भारी आर्थिक नुकसान हुआ है। नियंत्रक और महालेखा परीक्षक (CAG) की हालिया रिपोर्ट में खुलासा हुआ है कि इस नीति के कारण दिल्ली सरकार को कुल 2,002 करोड़ रुपये का घाटा हुआ। रिपोर्ट के अनुसार, कई वजहों से सरकार को वित्तीय नुकसान उठाना पड़ा, जिसमें रिटेंडर प्रक्रिया, जोनल लाइसेंस में छूट और कोविड-19 प्रतिबंधों के चलते दी गई राहत शामिल हैं।
1. रिटेंडर प्रक्रिया से 890 करोड़ रुपये का नुकसान
CAG रिपोर्ट के अनुसार, सरकार ने शराब नीति के तहत लाइसेंस देने की प्रक्रिया में बदलाव किया और रिटेंडर प्रक्रिया अपनाई, जिससे 890 करोड़ रुपये का घाटा हुआ। इस प्रक्रिया के दौरान कई ठेकेदारों को नए सिरे से टेंडर दिए गए, लेकिन इसके चलते सरकार को राजस्व में भारी नुकसान उठाना पड़ा।
2. जोनल लाइसेंस में छूट से 940 करोड़ रुपये की हानि
सरकार ने शराब नीति के तहत जोनल लाइसेंस जारी किए, लेकिन कई मामलों में इसमें छूट दी गई। रिपोर्ट के अनुसार, इस छूट की वजह से सरकार को 940 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ। नीति लागू करने में हुई खामियों के कारण यह घाटा हुआ, जिससे सरकारी राजस्व पर बड़ा असर पड़ा।
3. कुछ रिटेलर्स ने शराब नीति खत्म होने तक लाइसेंस जारी रखे
CAG रिपोर्ट में यह भी पाया गया कि कुछ शराब रिटेलर्स ने नीति समाप्त होने तक अपने लाइसेंस बनाए रखे, जबकि अन्य विक्रेताओं ने समय से पहले ही अपने लाइसेंस सरकार को लौटा दिए। इससे शराब बिक्री और लाइसेंस फीस के जरिए होने वाली आय पर असर पड़ा। नीति में स्पष्टता की कमी और सही समय पर उचित निर्णय न लेने की वजह से यह समस्या सामने आई।
4. कोविड-19 छूट से 144 करोड़ रुपये की हानि
कोविड-19 प्रतिबंधों के चलते सरकार ने शराब कारोबारियों को 28 दिसंबर 2021 से 27 जनवरी 2022 तक लाइसेंस शुल्क में 144 करोड़ रुपये की छूट दी। इस छूट का उद्देश्य शराब कारोबारियों को राहत देना था, लेकिन इससे सरकारी राजस्व को भारी नुकसान हुआ।
5. सरकार की शराब नीति पर उठे सवाल
CAG की इस रिपोर्ट के सामने आने के बाद दिल्ली सरकार की नई शराब नीति को लेकर सवाल उठने लगे हैं। सरकार की नीतियों में पारदर्शिता और उचित प्रबंधन की कमी के कारण इतनी बड़ी हानि हुई। विपक्षी दलों ने इस मुद्दे को लेकर सरकार की कड़ी आलोचना की है और जांच की मांग की है।
CAG की रिपोर्ट ने दिल्ली सरकार की नई शराब नीति में मौजूद खामियों को उजागर किया है। रिटेंडर प्रक्रिया, जोनल लाइसेंस में छूट और कोविड-19 राहत जैसे कारणों से 2,002 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ। इस रिपोर्ट के बाद सरकार पर पारदर्शिता और जवाबदेही को लेकर दबाव बढ़ गया है।
The CAG report has revealed that the AAP government suffered a 2,002 crore loss due to the Delhi liquor policy. The major factors contributing to this loss include the retender process, which caused an 890 crore deficit, and zonal license exemptions, leading to a 940 crore loss. Additionally, some liquor retailers retained their licenses till the end of the policy, while others surrendered them earlier. Furthermore, a 144 crore exemption was granted to liquor traders due to Covid-19 restrictions. This report has raised serious questions about the Delhi government’s excise policy, transparency, and financial management.