नई सेवा का परिचय
AIN NEWS 1: भारत में टेलीकॉम कंपनियां जल्द ही ‘कॉलिंग नेम प्रेजेंटेशन’ (CNP) सेवा शुरू करने जा रही हैं। इस सेवा के तहत जब भी किसी अनजान नंबर से कॉल आएगा, कॉलर का नाम भी स्क्रीन पर दिखाई देगा। यह सेवा 15 जुलाई से पूरे देश में लागू होने की उम्मीद है।
सफल ट्रायल और परीक्षण
CNP सेवा का ट्रायल पहले हरियाणा और मुंबई सर्किल में किया गया, जो सफल रहा। टेलिकॉम कंपनियों ने सीमित संख्या में इसकी टेस्टिंग की और इसके परिणामों को दूरसंचार विभाग के साथ साझा किया। परीक्षण के दौरान, कॉलर के नाम को KYC फॉर्म में भरी गई जानकारी के आधार पर प्रदर्शित किया जाएगा।
सीएनपी का महत्व
सीएनपी सेवा को ट्रूकॉलर जैसे ऐप्स की तरह ही माना जा सकता है, लेकिन यह सरकारी व्यवस्था के तहत कार्य करेगी। इसका मुख्य उद्देश्य स्पैम और धोखाधड़ी कॉल को कम करना है। स्पैम कॉल्स भारत में एक बड़ी समस्या बन चुकी हैं, जहां एक सर्वे के अनुसार, 60% लोगों को दिन में तीन से अधिक स्पैम कॉल्स मिलते हैं।
कॉलर का नाम कैसे दिखाई देगा
जब आप सिम खरीदते हैं, तो आपको एक KYC फॉर्म भरना होता है। इस फॉर्म में दिए गए नाम के आधार पर कॉल करने वाले का नाम कॉल पर दिखाई देगा। इसके अलावा, अगर कॉल किसी व्यवसाय से संबंधित है, तो कंपनी का नाम भी डिस्प्ले होगा। इससे न केवल कॉल पहचान में आसानी होगी, बल्कि उपयोगकर्ताओं को धोखाधड़ी और स्पैम कॉल से बचने में मदद मिलेगी।
सुरक्षा और गोपनीयता
सीएनपी सेवा के माध्यम से, उपयोगकर्ताओं को थर्ड-पार्टी ऐप्स की आवश्यकता नहीं होगी, जो अक्सर व्यक्तिगत डेटा की सुरक्षा को खतरे में डालते हैं। वर्तमान में, ट्रूकॉलर जैसे ऐप्स का उपयोग करते समय उपयोगकर्ताओं को अपने संपर्क, संदेश और अन्य जानकारी की अनुमति देनी पड़ती है। लेकिन CNP सेवा से ये समस्याएं कम होंगी, क्योंकि यह सीधे टेलीकॉम कंपनियों द्वारा संचालित होगी।
भविष्य की संभावनाएं
सीएनपी सेवा की शुरुआत से न केवल उपयोगकर्ताओं को सुरक्षा मिलेगी, बल्कि यह टेलीकॉम कंपनियों को भी बेहतर सेवाएं प्रदान करने का अवसर देगी। यह कदम साइबर अपराधों पर अंकुश लगाने में मदद करेगा और कॉल करने वाले के नाम की जानकारी प्रदान करके उपयोगकर्ताओं को जागरूक करेगा।
निष्कर्ष
भारत में CNP सेवा का आगमन एक महत्वपूर्ण कदम है, जो कॉल की पहचान में सुधार लाएगा और उपयोगकर्ताओं को स्पैम और धोखाधड़ी कॉल से बचाएगा। टेलीकॉम कंपनियों की यह पहल न केवल लोगों के लिए सुरक्षा का एक नया स्तर पेश करेगी, बल्कि इससे मोबाइल उपयोगकर्ताओं का अनुभव भी बेहतर होगा।