महाकुंभ 2025: पूर्व विधायक बृजेश कुमार प्रजापति के खिलाफ भ्रामक पोस्ट पर FIR, जानिए पूरा मामला
AIN NEWS 1: उत्तर प्रदेश में महाकुंभ 2025 को लेकर सुरक्षा एजेंसियां पूरी तरह सतर्क हैं। पुलिस सोशल मीडिया पर भी नजर बनाए हुए है ताकि कोई गलत सूचना या भ्रामक खबर न फैलाई जा सके। इसी बीच बांदा के पूर्व बीजेपी विधायक बृजेश कुमार प्रजापति के खिलाफ आईटी एक्ट के तहत मामला दर्ज किया गया है।
क्या है पूरा मामला?
पूर्व विधायक बृजेश कुमार प्रजापति ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर एक वीडियो पोस्ट किया, जिसमें भीड़ कुछ शवों को लेकर जाती दिख रही थी। इस वीडियो के साथ उन्होंने दावा किया कि प्रयागराज महाकुंभ में भगदड़ मचने से एक ही परिवार के तीन लोगों की मौत हो गई।
हालांकि, जांच में सामने आया कि यह वीडियो नेपाल की एक पुरानी घटना का था, जिसे भ्रामक तरीके से प्रयागराज महाकुंभ से जोड़कर फैलाया गया था। सोशल मीडिया पर यूजर्स ने इस फर्जी पोस्ट की शिकायत की, जिसके बाद पुलिस हरकत में आई और प्रजापति के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया गया।
कैसे हुआ वीडियो का खुलासा?
महाकुंभ मेला पुलिस ने तुरंत इस वीडियो की सच्चाई की जांच शुरू की। जांच में पाया गया कि वीडियो नेपाल की एक पुरानी घटना से जुड़ा था और इसका प्रयागराज महाकुंभ से कोई लेना-देना नहीं था।
पुलिस अधिकारियों के अनुसार, यह एक गंभीर मामला है क्योंकि इस तरह की झूठी सूचनाएं जनता में अफवाह फैलाकर माहौल बिगाड़ सकती हैं। इसी वजह से बृजेश कुमार प्रजापति के खिलाफ आईटी एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है।
कौन हैं बृजेश कुमार प्रजापति?
बृजेश कुमार प्रजापति 2017 में बांदा की तिंदवारी विधानसभा सीट से बीजेपी के टिकट पर विधायक चुने गए थे। लेकिन 2022 के विधानसभा चुनाव से पहले उन्होंने बीजेपी छोड़ दी और स्वामी प्रसाद मौर्य के साथ समाजवादी पार्टी (सपा) में शामिल हो गए। वर्तमान में वे समाजवादी पार्टी से जुड़े हुए हैं।
महाकुंभ को लेकर सरकार की सतर्कता
महाकुंभ 2025 एक भव्य आयोजन होगा, जिसमें लाखों श्रद्धालु देश-विदेश से पहुंचेंगे। ऐसे में उत्तर प्रदेश सरकार और पुलिस प्रशासन पूरी तरह मुस्तैद है। सोशल मीडिया पर किसी भी तरह की भ्रामक जानकारी फैलाने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जा रही है।
सोशल मीडिया पर फर्जी खबरों से सावधान रहें
यह घटना एक बार फिर साबित करती है कि सोशल मीडिया पर वायरल हो रही किसी भी खबर को आंख मूंदकर सच मानने से पहले उसकी जांच जरूरी है। महाकुंभ जैसे बड़े आयोजनों के दौरान अफवाहें तेजी से फैलती हैं, जो सामाजिक शांति भंग कर सकती हैं।
क्या कहते हैं कानून?
आईटी एक्ट और भारतीय दंड संहिता (IPC) के तहत झूठी या भ्रामक सूचना फैलाने पर सख्त कार्रवाई का प्रावधान है। अगर कोई व्यक्ति जानबूझकर फर्जी खबरें फैलाता है, तो उसे जेल की सजा और भारी जुर्माना भी हो सकता है।
महाकुंभ 2025 को लेकर सरकार और पुलिस सतर्क है और किसी भी तरह की अफवाह फैलाने वालों के खिलाफ सख्त कदम उठाए जा रहे हैं। पूर्व विधायक बृजेश कुमार प्रजापति का यह मामला यह दर्शाता है कि सोशल मीडिया पर पोस्ट करने से पहले तथ्यों की पुष्टि करना बेहद जरूरी है। प्रशासन की अपील है कि कोई भी नागरिक बिना सत्यापन के किसी भी खबर को न फैलाए, ताकि समाज में शांति बनी रहे।
Mahakumbh 2025 is a significant event, and any misinformation related to it can create panic among devotees. Former BJP MLA Brijesh Kumar Prajapati has been booked under the IT Act for spreading fake news about a stampede at Prayagraj Mahakumbh. The viral video he shared was actually from Nepal, unrelated to the religious gathering. Uttar Pradesh Police is taking strict action against those spreading misleading information. Authorities urge citizens to verify facts before sharing any content on social media to prevent unnecessary fear and confusion.