AIN NEWS 1 बदायूं (उत्तर प्रदेश): मूसाझाग थाने के तत्कालीन थानाध्यक्ष, दरोगा समेत 10 पुलिसकर्मियों पर गंभीर आरोप लगाते हुए कोर्ट के आदेश पर प्राथमिकी दर्ज की गई है। पीड़ित सिराजुद्दीन ने इन पुलिसकर्मियों पर घर में घुसकर लूटपाट, मारपीट और फर्जी गैंगस्टर कार्रवाई करने का आरोप लगाया है।
क्या है मामला?
मामला बदायूं जिले के मूसाझाग थाना क्षेत्र के हसनपुर गांव का है। पीड़ित सिराजुद्दीन ने कोर्ट में प्रार्थना पत्र देकर बताया कि उनकी गांव के कुछ लोगों से पुरानी दुश्मनी थी। आरोप है कि उन्हीं लोगों से मिलीभगत कर तत्कालीन एसआई सुनील कुमार 8 जुलाई 2023 को पुलिस टीम के साथ उनके परिवार के घर पहुंचे। पुलिसकर्मियों ने सिराजुद्दीन, उनकी पत्नी और बच्चों के साथ मारपीट की।
लूटपाट के आरोप
आरोप है कि पुलिसकर्मियों ने बक्से का ताला तोड़कर 8 हजार रुपये नकद, चांदी की पाजेब और सोने की अंगूठी लूट ली। परिवार के सदस्यों के साथ गाली-गलौज कर धमकाते हुए लौट गए। जब सिराजुद्दीन ने 9 जुलाई को सीओ से शिकायत की, तो पुलिस ने दुबारा उत्पीड़न शुरू कर दिया।
दूसरी घटना और गैंगस्टर का मामला
22 जुलाई 2023 को पुलिसकर्मी फिर सिराजुद्दीन के घर आए और उनके परिवार के छह लोगों—सालिम, अशरफ, ताजिव, गुल मोहम्मद, मुस्तकीम और कमालुद्दीन—को जबरन पकड़कर थाने ले गए। आरोप है कि रातभर थाने में उनके साथ मारपीट की गई। इसके बाद उन पर झूठे गोवंशीय हत्या के आरोप में मामला दर्ज कर जेल भेज दिया गया।
पीड़ित ने बताया कि नए थानाध्यक्ष महेंद्र पाल सिंह ने दो लाख रुपये की रिश्वत मांगी। रुपये न देने पर उनके खिलाफ गैंगस्टर की कार्रवाई कर दी गई।
न्याय के लिए कोर्ट की शरण
पुलिस से शिकायत के बावजूद कोई सुनवाई न होने पर सिराजुद्दीन ने कोर्ट का दरवाजा खटखटाया। कोर्ट के आदेश पर मूसाझाग थाने के तत्कालीन थानाध्यक्ष शिवेंद्र सिंह, महेंद्र पाल सिंह, एसआई सुनील कुमार और आठ अन्य पुलिसकर्मियों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई है।
पुलिस का पक्ष
सीओ उझानी शक्ति सिंह ने बताया कि कोर्ट के आदेश पर मामला दर्ज किया गया है। पुलिस मामले की जांच कर रही है, और जांच के आधार पर आगे कार्रवाई की जाएगी।
निष्कर्ष
यह मामला पुलिसकर्मियों पर लगे गंभीर आरोपों और फर्जी कार्रवाई के चलते सुर्खियों में है। कोर्ट के हस्तक्षेप के बाद अब इस मामले की निष्पक्ष जांच की उम्मीद की जा रही है।