AIN NEWS 1: गुरुग्राम के डीएलएफ साइबर सिटी में सीबीआई ने एक फर्जी कॉल सेंटर का पर्दाफाश किया है, जो अमेरिका, ब्रिटेन और यूरोप के लोगों, खासकर बुजुर्गों को ‘सॉफ्टवेयर टेक सपोर्ट’ के नाम पर ठग रहा था। यह गिरोह पिछले दो साल से सक्रिय था और हर महीने लाखों डॉलर की ठगी करता था।
ठगी का तरीका
1. फर्जी कॉल सेंटर का खुलासा:25 जुलाई 2024 को, सीबीआई ने ‘सॉफ्टवेयर टेक सपोर्ट’ नाम के इस कॉल सेंटर पर छापा मारा। ऑफिस के बाहर सामान्य हलचल थी, लेकिन अंदर अंधेरे में 43 लोग अलग-अलग लहजे में फोन पर बातचीत कर रहे थे।
2. धोखाधड़ी की योजना:कॉल सेंटर के एजेंट खुद को माइक्रोसॉफ्ट, अमेजन या एप्पल जैसे बड़े कंपनियों का अधिकारी बताकर लोगों को झांसा देते थे। वे कहते थे कि उनके लैपटॉप में कोई समस्या है और इसे ठीक करने के लिए पॉप-अप पर क्लिक करने को कहते। इससे एक सॉफ्टवेयर डाउनलोड हो जाता था, जो लैपटॉप को क्रैश कर देता। इसके बाद, एजेंट मोटी रकम की मांग करते और सिस्टम को ठीक करने के बहाने लैपटॉप का पूरा एक्सेस ले लेते थे।
3. अंतरराष्ट्रीय ठगी:इस गिरोह ने वर्चुअल एसेट्स और क्रिप्टो करेंसी के माध्यम से लूटी गई रकम हांगकांग भेजी। उनके पास हर देश के लिए खास स्क्रिप्ट तैयार थी और उन्हें लोगों से सही लहजे में बात करने की ट्रेनिंग दी गई थी।
सीबीआई की कार्रवाई
1. ऑपरेशन चक्र-III: इस फर्जी कॉल सेंटर का भंडाफोड़ ‘ऑपरेशन चक्र-III’ के तहत किया गया। सीबीआई की टीम ने सूचना मिलने पर तुरंत छापा मारकर 43 लोगों को गिरफ्तार कर लिया।
2. मास्टरमाइंड के खिलाफ कार्रवाई: गिरोह के सदस्य हर दो महीने में अपना ठिकाना बदलते थे और कंपनी का नाम भी बदलते थे ताकि पकड़े न जाएं। लूटी गई रकम को अलग-अलग बैंक खातों के जरिए हांगकांग भेजा जाता था, जिन खातों को ये लोग आम लोगों को पैसे का लालच देकर खरीद लेते थे।
3. जप्त की गई सामग्री: सीबीआई ने इस ऑपरेशन के दौरान 130 हार्ड डिस्क, 65 मोबाइल फोन, पांच लैपटॉप, आपत्तिजनक दस्तावेज, आर्थिक लेनदेन की डिटेल और कॉल रिकॉर्डिंग जब्त की है।
यह घटना गुरुग्राम के साइबर सिटी में चल रहे एक बड़े ठगी के खेल को उजागर करती है, जो ‘जामताड़ा’ वेब सीरीज की तरह ही था।
The action of the CBI is highly appreciated.