इम्फाल: मणिपुर में चल रही जातीय हिंसा के मद्देनजर केंद्र सरकार ने बड़ा कदम उठाते हुए जिरीबाम सहित राज्य के छह पुलिस थाना क्षेत्रों में सशस्त्र बल (विशेष शक्तियां) अधिनियम (AFSPA) को फिर से लागू कर दिया है। इस फैसले के तहत इन क्षेत्रों को “अशांत क्षेत्र” घोषित किया गया है, ताकि सुरक्षा बलों को बिना किसी कानूनी बाधा के कार्रवाई करने की सुविधा मिल सके।
किन इलाकों में लागू हुआ AFSPA?
केंद्र सरकार द्वारा जारी अधिसूचना के अनुसार, जिन पुलिस स्टेशन क्षेत्रों में AFSPA को फिर से लागू किया गया है, वे हैं:
- इम्फाल पश्चिम: सेक्माई और लमसांग
- इम्फाल पूर्व: लमलाई
- जिरीबाम जिला: जिरीबाम
- कांगपोकपी जिला: लेमाखोंग
- विष्णुपुर जिला: मोइरांग
यह निर्णय मणिपुर सरकार के हालिया फैसले के बाद लिया गया है, जिसमें राज्य के 19 पुलिस थाना क्षेत्रों को छोड़कर बाकी हिस्सों में AFSPA पहले से ही लागू किया गया था।
मणिपुर में हिंसा की स्थिति
मणिपुर में पिछले साल मई से शुरू हुई जातीय हिंसा ने पूरे राज्य को अशांत कर दिया है। मेइतेई और कुकी-जो समुदायों के बीच चल रही झड़पों में अब तक 200 से अधिक लोगों की जान जा चुकी है, जबकि हजारों लोग बेघर हो गए हैं।
जिरीबाम में भीषण मुठभेड़: 11 संदिग्ध आतंकवादी ढेर
हिंसा के ताजा मामले में, जिरीबाम जिले में छद्म वर्दी पहने और अत्याधुनिक हथियारों से लैस उग्रवादियों ने एक पुलिस स्टेशन और सीआरपीएफ कैंप पर हमला कर दिया। इसके बाद हुई भीषण मुठभेड़ में 11 संदिग्ध आतंकवादियों को मार गिराया गया। वहीं, अगले दिन इसी जिले में आतंकवादियों ने महिलाओं और बच्चों सहित 6 नागरिकों का अपहरण कर लिया।
जिरीबाम: अब हिंसा की चपेट में
जिरीबाम, जो अब तक इंफाल घाटी और आसपास की पहाड़ियों की हिंसा से काफी हद तक अछूता था, इस साल जून में तब सुर्खियों में आया जब एक किसान का क्षत-विक्षत शव एक खेत में पाया गया। इसके बाद से यहां भी हिंसा ने जोर पकड़ लिया है।
AFSPA लागू करने का उद्देश्य
AFSPA लागू करने का उद्देश्य सुरक्षा बलों को अधिक शक्ति देना है, ताकि वे हिंसा प्रभावित इलाकों में शांति बहाल कर सकें। इस अधिनियम के तहत, सुरक्षा बलों को बिना वारंट के गिरफ्तारी करने, तलाशी लेने और बल प्रयोग करने की अनुमति मिलती है।
मणिपुर में शांति की कोशिशें
केंद्र और राज्य सरकारें मणिपुर में शांति स्थापित करने के प्रयास में लगी हैं, लेकिन स्थिति अब भी तनावपूर्ण बनी हुई है। AFSPA का पुनः लागू होना इस दिशा में एक बड़ा कदम माना जा रहा है।