Chhangur Baba and Neetu: Shocking Love Story Behind 300 Crore Conversion Empire
छांगुर बाबा और करोड़पति नीतू की अनोखी प्रेमकथा, जो 300 करोड़ के धर्मांतरण रैकेट में बदल गई
AIN NEWS 1: बलरामपुर जिले के गरीबपुर गांव में जन्मा जलालुद्दीन शाह, जिसे अब पूरा देश ‘छांगुर बाबा’ के नाम से जानता है, कभी गांव-गांव जाकर अंगूठी और नग बेचने वाला एक आम आदमी था। लेकिन वक्त और हालात ने उसे एक ऐसे विवादित चेहरे में बदल दिया, जो अब देशभर की सुर्खियों में है। उसकी ज़िंदगी में अचानक मोड़ तब आया जब करोड़पति महिला नीतू उसकी ज़िंदगी में आई और दोनों ने मिलकर 300 करोड़ रुपये के कथित धर्मांतरण रैकेट को खड़ा किया।
गांव से मुंबई तक का सफर
छांगुर बाबा का बचपन गरीबी और संघर्षों से भरा रहा। पिता की मौत के बाद मां ने बच्चों को लेकर मायके में पनाह ली। बचपन से ही छांगुर छोटे-मोटे काम करके अपना पेट पालता था – कभी कपड़े बेचता, तो कभी गांवों में नग और अंगूठियां। उसकी पहचान धीरे-धीरे ‘साधु बाबा’ के तौर पर बनने लगी, खासकर हाजी अली दरगाह जैसी जगहों पर जहां वह मुंबई में भी नग बेचता था।
राजनीति में कदम और प्रभावशाली पहचान
1995 में उसकी मामी गांव की प्रधान बनीं। इससे छांगुर को भी राजनीति में दिलचस्पी हुई। 2011 में उसने अपनी पत्नी कुतबुनिशा को चुनाव लड़वाया और जीत दिलाई। हालांकि कागज़ों में प्रधान पत्नी थी, लेकिन असल नियंत्रण छांगुर के पास था। लोगों की मदद करके उसने स्थानीय प्रभाव बढ़ाया और फिर 2016 में भी पत्नी को दोबारा जितवाया।
उसी दौरान वह व्यापारियों और अधिकारियों को नग देना शुरू कर चुका था और मुंबई में कपड़ों की एक दुकान भी खोल ली थी।
नीतू से मुलाकात और बदलती कहानी
2020 की शुरुआत में जब कोरोना महामारी फैली, छांगुर बाबा मुंबई में था। वहीं उसकी मुलाकात एक बेहद अमीर दंपती – नवीन रोहरा और उसकी पत्नी नीतू – से हुई। नीतू और नवीन के पास अरबों की संपत्ति थी लेकिन जीवन में निजी समस्याएं थीं, खासकर संतान नहीं होने की। छांगुर ने उन्हें नग दिया और जल्द ही उनके जीवन में कुछ सकारात्मक बदलाव नजर आने लगे।
इसी ‘आस्था’ ने नीतू को छांगुर का अनुयायी बना दिया। धीरे-धीरे रिश्ते गहरे हुए और 2020 में नीतू ने अपने पति नवीन के साथ छांगुर के साथ रहने का फैसला किया।
बलरामपुर में आलीशान कोठी और जमीन पर कब्जा
नीतू और नवीन ने मुंबई छोड़ दिया और बलरामपुर के मधेपुर गांव में करीब तीन बीघा जमीन खरीदी, जो एक मशहूर मजार के पास थी। ये जमीन नीतू उर्फ नसरीन के नाम पर ली गई थी। मकसद सिर्फ रहना नहीं था, बल्कि इलाके में धार्मिक प्रभाव जमाने और भूमि कब्जाने की योजना भी थी।
इस जमीन पर 12 करोड़ की लागत से एक विशाल कोठी बनाई गई, जिसे हाल ही में बुलडोजर चला कर गिरा दिया गया है। यह निर्माण ग्राम सभा की जमीन पर अवैध रूप से हुआ था।
300 करोड़ की काली दुनिया
छांगुर बाबा ने अपने बेटे महबूब, गर्लफ्रेंड नसरीन और उसके पति नवीन रोहरा के साथ मिलकर धर्मांतरण का एक बड़ा नेटवर्क खड़ा कर लिया। उन्होंने 8 फर्जी कंपनियां बनाईं और 40 बैंक अकाउंट्स के जरिए करोड़ों की हेराफेरी की। ईडी को 106 करोड़ रुपये के संदिग्ध ट्रांजेक्शन के इनपुट मिले हैं। इसके अलावा, नवीन के नाम पर एक स्विस बैंक खाता भी मिला है।
छांगुर बाबा और नीतू उर्फ नसरीन फिलहाल एटीएस की रिमांड में हैं और उनसे पूछताछ जारी है।
अब आगे क्या?
प्रशासन और जांच एजेंसियों की सख्ती के चलते अब छांगुर बाबा और उसका नेटवर्क पूरी तरह से एक्सपोज हो चुका है। न सिर्फ कोठी गिराई गई है बल्कि करोड़ों की अवैध संपत्तियों की जांच भी चल रही है। यह मामला देशभर में धर्मांतरण के नए आयामों को उजागर कर रहा है और यह दिखा रहा है कि कैसे एक मामूली अंगूठी बेचने वाला व्यक्ति अपने प्रभाव, छल और लालच से करोड़ों का नेटवर्क बना सकता है।
छांगुर बाबा और नीतू की कहानी महज प्रेम कथा नहीं है, यह एक ऐसा जाल है जिसमें आस्था, लालच, राजनीति और अपराध एक-दूसरे में बुरी तरह उलझ गए। यह मामला एक चेतावनी है कि किस तरह से धर्म, भावनाओं और सत्ता का दुरुपयोग करके समाज को तोड़ा जा सकता है।
Chhangur Baba, originally from a small village in Balrampur, became a key figure in a ₹300 crore religious conversion racket. His millionaire girlfriend Neetu Rohra, now Nasreen, left her wealthy life in Mumbai to join him. Their story intertwines love, deception, and a massive network involving illegal land grabs and hawala transactions, leading to ATS arrests and ED investigations.