AIN NEWS 1: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आज प्रयागराज में मंत्रिमंडल के सदस्यों के साथ माँ गंगा का भव्य पूजन और आरती संपन्न की। इस अवसर पर उन्होंने माँ गंगा को ‘विष्णुपदी’ कहकर संबोधित किया और उनके महत्त्व को रेखांकित किया। उन्होंने कहा कि माँ गंगा न केवल धार्मिक बल्कि सांस्कृतिक और पर्यावरणीय दृष्टि से भी अनमोल धरोहर हैं।
मुख्यमंत्री ने अपने संबोधन में संस्कृत श्लोक उद्धृत किया:
“नमामि गङ्गे तव पादपङ्कजं सुरासुरैर्वन्दितदिव्यरूपम्। भुक्तिं च मुक्तिं च ददासि नित्यं भावानुसारेण सदा नराणाम्।।”
इस श्लोक के माध्यम से उन्होंने माँ गंगा की दिव्यता, पवित्रता और मानवता के प्रति उनके योगदान को रेखांकित किया।
पूजन का धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व
मुख्यमंत्री ने कहा कि माँ गंगा को केवल एक नदी नहीं, बल्कि समस्त मानवता के लिए जीवनदायिनी शक्ति के रूप में देखा जाता है। वह लोगों को न केवल भौतिक लाभ (भुक्ति) प्रदान करती हैं, बल्कि आत्मिक मोक्ष (मुक्ति) का मार्ग भी प्रशस्त करती हैं। गंगा का यह स्वरूप उन्हें देवताओं और असुरों दोनों के लिए पूजनीय बनाता है।
पर्यावरण संरक्षण और गंगा सफाई पर जोर
मुख्यमंत्री ने अपने वक्तव्य में गंगा स्वच्छता अभियान का उल्लेख किया और कहा कि गंगा को स्वच्छ और निर्मल बनाए रखने के लिए उत्तर प्रदेश सरकार निरंतर प्रयासरत है। नमामि गंगे परियोजना के तहत गंगा के प्रदूषण को रोकने और उसकी प्राकृतिक धारा को बनाए रखने के लिए कई योजनाएं चलाई जा रही हैं। उन्होंने जनता से भी अपील की कि वे गंगा की पवित्रता बनाए रखने में अपना योगदान दें।
मंत्रिमंडल सदस्यों की सहभागिता
इस अवसर पर मंत्रिमंडल के कई सदस्य उपस्थित रहे। उन्होंने भी माँ गंगा का पूजन किया और आरती में भाग लिया। यह आयोजन न केवल आध्यात्मिक बल्कि पर्यावरणीय जागरूकता के उद्देश्य से भी महत्वपूर्ण रहा।
माँ गंगा की महिमा पर मुख्यमंत्री का संदेश
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने माँ गंगा की महिमा का बखान करते हुए कहा कि गंगा का जल न केवल शुद्ध है, बल्कि उसमें दिव्य ऊर्जा भी समाहित है। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि गंगा को बचाना, उनकी महिमा को बनाए रखना, और उनकी स्वच्छता के लिए काम करना हर भारतीय का कर्तव्य है।
Uttar Pradesh Chief Minister Yogi Adityanath, along with cabinet members, conducted a grand Ganga Puja and Aarti in Prayagraj. Highlighting the spiritual significance of Maa Ganga, he emphasized her role as a divine entity offering both material benefits (Bhukti) and spiritual liberation (Mukti). As part of the Namami Gange initiative, he stressed the importance of preserving the purity of Ganga and urged public participation in keeping her clean and pristine.