अब रोबोट न केवल इंसानों जैसे दिखते हैं, बल्कि सोचते और काम भी करते हैं। चीन की अग्रणी रोबोट निर्माता कंपनी UBTECH Robotics ने एक ऐसा ह्यूमनॉइड रोबोट पेश किया है, जो खुद ही अपनी बैटरी बदल लेता है और लगातार 24 घंटे काम करता है – वो भी बिना किसी इंसानी मदद के।
इस नए रोबोट का नाम है Walker S2 और इसका सबसे बड़ा कमाल है – सेल्फ बैटरी रिप्लेसमेंट यानी खुद से बैटरी बदलना।
कैसे करता है Walker S2 खुद बैटरी बदलने का कमाल?
इस रोबोट में डुअल-बैटरी सिस्टम दिया गया है। इसका मतलब यह है कि इसमें एक साथ दो बैटरियां लगती हैं – एक एक्टिव बैटरी जिससे यह काम करता है और दूसरी बैकअप में रहती है। जैसे ही एक्टिव बैटरी का चार्ज कम होता है, यह रोबोट खुद ही बैटरी बदलने के स्टेशन पर जाता है।
वीडियो में दिखाया गया है कि रोबोट अपनी पीठ से बैटरी निकालता है, चार्जिंग शेल्फ में रखता है और फिर नई फुल चार्ज बैटरी उठाकर लगाता है। यह पूरी प्रक्रिया कुछ ही मिनटों में पूरी हो जाती है और वह फिर से अपने काम में लग जाता है। ना इंस्ट्रक्शन की जरूरत, ना ही इंसानी दखल।
ये टेक्नोलॉजी कितनी यूनिक है?
इस तकनीक को देखकर लगता है जैसे रोबोट में मानव जैसी समझ विकसित हो चुकी हो। इंसान जैसे खुद ही भूख लगने पर खाना खा लेते हैं, ठीक वैसे ही यह रोबोट चार्जिंग खत्म होने पर खुद बैटरी बदल लेता है।
इस तरह की बैटरी स्वैपिंग टेक्नोलॉजी को अब तक इलेक्ट्रिक वाहनों, खासकर चीन की कुछ ई-कारों में देखा गया है, लेकिन अब इसका इस्तेमाल इंसानी रूप वाले रोबोट में भी हो रहा है, जो अपने आप में एक क्रांतिकारी कदम है।
क्या है Walker S2 की विशेषताएं?
ह्यूमनॉइड डिजाइन: इंसान जैसे हाथ-पैर और मूवमेंट
AI आधारित निर्णय क्षमता: खुद तय करता है कि कब बैटरी बदलनी है
फुल ऑटोमैटिक बैटरी रिप्लेसमेंट सिस्टम
लंबे समय तक कार्य करने की क्षमता (24×7)
वीडियो में दिखी प्रोफेशनल परफॉर्मेंस
वीडियो वायरल, यूजर्स के मजेदार रिएक्शन
इस तकनीक ने सोशल मीडिया पर तहलका मचा दिया है। UBTECH Robotics के यूट्यूब चैनल से शेयर किए गए इस वीडियो को लाखों बार देखा जा चुका है और हजारों यूजर्स ने इसे लाइक किया है।
नेटिज़न्स के रिएक्शन भी देखने लायक हैं:
एक यूजर ने लिखा – “अब इंसान खुद खाना खा सकते हैं, सांस ले सकते हैं… रोबोट तो बस कॉपी कर रहे हैं।”
दूसरे ने चिंता जताई – “रोबोट एक दिन इंसानों की जगह ले लेंगे।”
वहीं किसी ने मजाक में कहा – “एक दिन किताबों में इंसानों के बारे में पढ़ा जाएगा।”
क्या इसका भविष्य में असर पड़ेगा?
बिलकुल! ऐसे रोबोट का उपयोग भविष्य में फैक्ट्रियों, अस्पतालों, होटलों, सुरक्षा सेवाओं और यहां तक कि अंतरिक्ष मिशनों में भी हो सकता है। उनकी नॉन-स्टॉप वर्किंग कैपेसिटी उन्हें इंसानों से कई गुना अधिक सक्षम बना देती है।
इस तरह के रोबोट्स से भविष्य में मैनपावर की जरूरत कम हो सकती है। हालांकि, यह तकनीक को नई ऊंचाइयों पर ले जाने वाला कदम है, पर इसके साथ कुछ चुनौतियां और नैतिक सवाल भी उठते हैं – जैसे रोबोट्स का गलत इस्तेमाल, इंसानों की नौकरियां, और मशीनों पर निर्भरता।
कहां तक पहुंची है रोबोटिक्स तकनीक?
UBTECH जैसी कंपनियां अब रोबोट को सिर्फ काम के लिए नहीं, बल्कि सोचने और निर्णय लेने में सक्षम बना रही हैं। वॉकर S2 इसका बेहतरीन उदाहरण है।
इस तरह की टेक्नोलॉजी भविष्य की ओर इशारा करती है, जहां रोबोट्स हमारी दुनिया में सिर्फ सहायक नहीं, बल्कि एक्टिव मेंबर बनेंगे।
वॉकर S2 न केवल एक आधुनिक रोबोट है, बल्कि यह आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और ऑटोमेशन के मिलन का बेहतरीन उदाहरण भी है। खुद से बैटरी बदलने वाला यह सिस्टम दिखाता है कि कैसे मशीनें अब हमारी तरह सोचने और एक्ट करने की दिशा में बढ़ रही हैं।
इस तकनीक के जरिए रोबोटिक्स की दुनिया में एक नया अध्याय जुड़ गया है, जहां मशीनें खुद से सीखेंगी, खुद से काम करेंगी और बिना रुके दिन-रात चलेंगी।
UBTECH Robotics has developed a futuristic humanoid robot called Walker S2, which has stunned the tech world with its ability to swap its own battery without human assistance. Using an advanced dual-battery system, the robot can operate non-stop 24×7, automatically detecting low power levels and replacing its drained battery. The viral video showcasing this robot in action has garnered millions of views and highlights the breakthrough in autonomous robotics and AI-powered machines.