AIN NEWS 1: मुंबई के नेवी चिल्ड्रन स्कूल की 12वीं कक्षा की छात्रा काम्या कार्तिकेयन ने एक ऐसा कारनामा कर दिखाया है, जो हर युवा के लिए प्रेरणा बन गया है। काम्या ने दुनिया की सबसे कम उम्र की महिला पर्वतारोही बनकर इतिहास रच दिया है। उन्होंने सात महाद्वीपों की सबसे ऊंची चोटियों पर सफलतापूर्वक चढ़ाई पूरी की।
ऐसे किया लक्ष्य हासिल
काम्या ने अपनी पर्वतारोहण यात्रा की शुरुआत बचपन से ही की थी। उन्हें छोटी उम्र से ही एडवेंचर और पर्वतारोहण का शौक था। उनके माता-पिता ने भी हमेशा उनका हौसला बढ़ाया। काम्या ने 10 साल की उम्र में ही पहली बार पर्वतारोहण में हिस्सा लिया था। तभी से उन्होंने सात महाद्वीपों की चोटियों पर चढ़ने का लक्ष्य तय कर लिया।
सात चोटियों की सूची
काम्या ने जिन सात चोटियों पर चढ़ाई की है, वे हैं:
1. माउंट एवरेस्ट (एशिया)
2. अकोंकागुआ (दक्षिण अमेरिका)
3. डेनाली (उत्तरी अमेरिका)
4. किलिमंजारो (अफ्रीका)
5. विंसन मासिफ (अंटार्कटिका)
6. एल्ब्रुस (यूरोप)
7. कार्स्टेंस पिरामिड (ओशिनिया)
इन चोटियों की ऊंचाई और कठिनाई के बावजूद, काम्या ने अपने समर्पण और कड़ी मेहनत से यह उपलब्धि हासिल की।
परिवार और स्कूल का सहयोग
काम्या के इस सफर में उनके परिवार और स्कूल का महत्वपूर्ण योगदान रहा। उनके माता-पिता ने न केवल उन्हें मानसिक और शारीरिक रूप से मजबूत बनने में मदद की, बल्कि आर्थिक सहायता भी प्रदान की। वहीं, नेवी चिल्ड्रन स्कूल ने उनकी पढ़ाई और ट्रेनिंग में संतुलन बनाने में मदद की।
प्रेरणा का स्रोत बनीं काम्या
काम्या का यह साहसिक कारनामा न केवल उनके लिए गर्व का पल है, बल्कि यह युवाओं के लिए एक प्रेरणा भी है। काम्या ने साबित कर दिया कि लगन, कड़ी मेहनत और दृढ़ निश्चय से हर लक्ष्य को हासिल किया जा सकता है।
आगे की योजनाएं
इतिहास रचने के बाद अब काम्या का अगला लक्ष्य युवाओं को पर्वतारोहण के प्रति प्रोत्साहित करना और पर्यावरण संरक्षण के लिए काम करना है। उन्होंने कहा कि हर चोटियों की चढ़ाई के दौरान उन्होंने पर्यावरण संरक्षण का संदेश फैलाने का प्रयास किया।
काम्या की इस ऐतिहासिक उपलब्धि ने पूरे देश का गौरव बढ़ाया है और उन्हें “सबसे कम उम्र की महिला पर्वतारोही” के खिताब से नवाजा गया है।