AIN NEWS 1: दिल्ली की मुख्यमंत्री अतिशी ने आज एक प्रेस कांफ्रेंस के दौरान भाजपा पर गंभीर आरोप लगाए। उन्होंने कहा कि 2018 में अरविंद केजरीवाल सरकार ने महिलाओं, बच्चों और वरिष्ठ नागरिकों की सुरक्षा के लिए दिल्ली में बस मार्शल तैनात किए थे, ताकि सार्वजनिक परिवहन में उनकी सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके। लेकिन अब, भाजपा और उसके अधिकारियों ने इन बस मार्शलों की सैलरी रोक दी है, जो एक बड़ा मुद्दा बन गया है।
मुख्यमंत्री अतिशी ने कहा, “दिल्ली सरकार ने 2018 में महिलाओं और बच्चों की सुरक्षा के मद्देनजर बस मार्शलों की तैनाती की थी। यह कदम एक ऐतिहासिक पहल थी, जो दिल्ली के सार्वजनिक परिवहन में सुरक्षा को लेकर काफी सराहना प्राप्त कर चुकी थी।” उन्होंने यह भी बताया कि इन बस मार्शलों की जिम्मेदारी में बसों में महिला यात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित करना, खासकर रात के समय, था।
अतिशी ने आरोप लगाया कि अप्रैल 2023 से भाजपा के प्रशासन ने इन मार्शलों की सैलरी रोक दी है। उन्होंने इसे एक साजिश के रूप में देखा, जिसका उद्देश्य महिला सुरक्षा की इस महत्वपूर्ण योजना को कमजोर करना था। मुख्यमंत्री ने कहा, “यह बीजेपी की राजनीतिक साजिश का हिस्सा है, जो महिला सुरक्षा के मामलों को तवज्जो नहीं देती और ऐसी योजनाओं को रोकने का प्रयास कर रही है जो दिल्लीवासियों के लिए फायदे का काम कर रही हैं।”
उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा के अधिकारियों ने जानबूझकर इस योजना को रोकने की कोशिश की है, जिससे बस मार्शल अपने कार्यों को ठीक से अंजाम नहीं दे पा रहे हैं। अतिशी ने यह भी बताया कि सैलरी रोकने से बस मार्शल्स की मनोबल गिरा है, और इससे सुरक्षा पर भी असर पड़ रहा है।
प्रेस कांफ्रेंस में सीएम अतिशी ने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल का समर्थन भी किया और कहा कि वे इस मामले को लेकर पूरी तरह से प्रतिबद्ध हैं और दिल्ली सरकार इन मार्शलों की सैलरी जारी रखने के लिए हर संभव कदम उठाएगी। उन्होंने दिल्ली सरकार से इस मुद्दे को हल करने की पूरी कोशिश करने का आश्वासन दिया।
यह मुद्दा एक बार फिर राजनीतिक वाद-विवाद का कारण बना है, क्योंकि महिला सुरक्षा और सार्वजनिक परिवहन की सुरक्षा दिल्ली के नागरिकों के लिए बहुत महत्वपूर्ण हैं। दिल्ली सरकार इस मामले को लेकर जल्द ही सख्त कदम उठाने की तैयारी कर रही है, ताकि मार्शलों की सैलरी वापस की जा सके और इस योजना को प्रभावी रूप से लागू किया जा सके।