उत्तर प्रदेश में मदरसों के लिए सीएम योगी का बड़ा निर्देश: शिक्षा प्रणाली में सुधार की नई दिशा!

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CM Yogi’s Big Directive for Madrasas in UP: Focus on Modern Education Beyond Religious Studies

उत्तर प्रदेश में मदरसों को लेकर सीएम योगी का बड़ा निर्देश: सिर्फ मजहबी शिक्षा तक सीमित न रहें

AIN NEWS 1: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रदेश के मदरसा शिक्षा में सुधार की दिशा में एक बड़ा कदम उठाया है। शुक्रवार को हुई एक उच्चस्तरीय बैठक में सीएम योगी ने कहा कि अब मदरसों को सिर्फ मजहबी शिक्षा तक सीमित नहीं रहना चाहिए। उनका मानना है कि मदरसा शिक्षा में बदलाव की आवश्यकता है ताकि छात्रों को आधुनिक शिक्षा का लाभ मिल सके और वे समाज की मुख्यधारा से जुड़ सकें।

सीएम योगी ने इस बैठक में स्पष्ट किया कि मदरसों में बड़े बदलावों की जरूरत है और जब तक मदरसे अवस्थापना मानकों को पूरा नहीं करते, उन्हें मान्यता नहीं दी जाए। इसका मतलब है कि मदरसों को मान्यता तभी मिलेगी जब वे बुनियादी ढांचा और शैक्षिक मानकों को पूरा करेंगे। उन्होंने यह भी कहा कि सरकार का उद्देश्य केवल सुधार नहीं है, बल्कि मदरसा शिक्षा को नवाचार और समावेशिता के साथ मुख्यधारा से जोड़ना है।

मुख्यमंत्री ने जोर देकर कहा कि मदरसों के बच्चों को भी गणित, विज्ञान, हिंदी, अंग्रेजी, और सामाजिक विज्ञान जैसी आधुनिक विषयों का पूरा लाभ मिलना चाहिए। यह बच्चों का उज्जवल भविष्य सुनिश्चित करने के लिए आवश्यक है। मुख्यमंत्री ने कहा कि इस कदम से मदरसों में पढ़ाई करने वाले छात्रों को सशक्त बनाया जाएगा ताकि वे भविष्य में बेहतर अवसरों के लिए तैयार हो सकें।

बैठक के दौरान यह भी जानकारी दी गई कि राज्य में 13,329 मान्यता प्राप्त मदरसे हैं, जिनमें करीब 12.35 लाख छात्र-छात्राएं पढ़ रहे हैं। इन मदरसों में से 561 मदरसे ऐसे हैं जिन्हें राज्य सरकार से अनुदान मिलता है। इसके अलावा, इन मदरसों में 23 हजार से अधिक शिक्षक और कर्मचारी काम कर रहे हैं।

सीएम योगी ने मदरसा बोर्ड परीक्षा में छात्रों की संख्या में गिरावट पर भी चिंता जताई। 2016 में जहां यह संख्या 4.22 लाख थी, वहीं 2025 में घटकर 88 हजार रह गई है। यह आंकड़ा चिंताजनक है, और मुख्यमंत्री ने इसे सुधारने की आवश्यकता जताई।

मदरसों में शिक्षकों की नियुक्ति प्रक्रिया में पारदर्शिता लाने पर भी जोर दिया गया। मुख्यमंत्री ने निर्देश दिया कि शिक्षक नियुक्ति प्रक्रिया को पारदर्शी और गुणवत्तापूर्ण बनाया जाए। इसके लिए एक उच्चस्तरीय समिति बनाई जाएगी, जिसमें निदेशक, अल्पसंख्यक कल्याण के अलावा शिक्षा, वित्त और न्याय विभाग के अधिकारी शामिल होंगे। यह समिति मदरसों के संचालन, शिक्षकों की सेवा सुरक्षा और पाठ्यक्रम में बदलाव पर सिफारिशें देगी।

2017 में मदरसा पोर्टल की शुरुआत के बाद से मदरसा शिक्षा में पारदर्शिता आई है। इसके जरिए मदरसों की परीक्षाएं, प्रमाणपत्र, पंजीकरण और अन्य कार्य ऑनलाइन हो गए हैं। अब सेकेंडरी और सीनियर सेकेंडरी स्तर पर SCERT के पाठ्यक्रम लागू किए जा रहे हैं, जिससे शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार होगा।

सीएम योगी ने अंत में कहा कि मदरसा शिक्षा को नई शिक्षा नीति 2020 के अनुरूप बनाना आवश्यक है। इसके तहत पाठ्यक्रम और शिक्षकों की योग्यता में बदलाव किए जाएंगे, ताकि मदरसों से निकलने वाले बच्चे न केवल मजहबी शिक्षा बल्कि समाज की मुख्यधारा में भी योगदान दे सकें और एक बेहतर भविष्य की ओर बढ़ सकें।

CM Yogi Adityanath has directed significant reforms in madrasas across Uttar Pradesh, aiming to modernize their curriculum and align it with mainstream education. He emphasized integrating subjects like mathematics, science, and social studies alongside religious teachings. The government aims to ensure that madrasa students benefit from a holistic education, preparing them for a brighter future. Yogi also highlighted the need for improvements in infrastructure and teacher appointments, with a new high-level committee being formed to oversee these changes. This initiative is part of an effort to bring madrasa education in line with India’s National Education Policy, ensuring quality and inclusivity.

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