अयोध्या के राम मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा की पहली वर्षगांठ पर भव्य आयोजन
श्री राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा का पहला वार्षिक उत्सव 11 जनवरी 2025 को मनाया जाएगा। इस अवसर पर तीन दिवसीय धार्मिक कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे। यह जानकारी श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव एवं विश्व हिंदू परिषद के केंद्रीय उपाध्यक्ष चंपत राय ने दी।
इस वार्षिक उत्सव का आयोजन 11, 12 और 13 जनवरी को होगा। कार्यक्रम पांच मुख्य स्थानों पर आयोजित किए जाएंगे:
- यज्ञ मंडप: यहां जनता को प्रवेश की अनुमति नहीं होगी, केवल विशेष आमंत्रित अतिथि ही आ सकेंगे।
- राम जन्मभूमि मंदिर परिसर: यहां भी केवल आमंत्रित व्यक्तियों को ही प्रवेश मिलेगा।
- यात्री सुविधा केंद्र: यहां सभी को प्रवेश की अनुमति होगी।
- अंगद टीला: यहां सभी श्रद्धालु बिना किसी रोक-टोक के भाग ले सकते हैं।
- विशेष स्थल: अन्य विशिष्ट धार्मिक कार्यक्रमों के लिए।
मुख्य धार्मिक आयोजन और मंत्रोच्चारण
कार्यक्रम के दौरान वैदिक अनुष्ठानों का विशेष महत्व रहेगा।
- शुक्र यजुर्वेद हवन: सुबह 8 से 11 बजे और दोपहर 2 से 5 बजे तक 18 घंटे में 2000 मंत्रों का उच्चारण होगा।
- हनुमान चालीसा, राम रक्षा स्त्रोत और बीज मंत्र: 21 ब्राह्मणों द्वारा प्रतिदिन छह घंटे मंत्रोच्चारण किया जाएगा।
- छह लाख राम के बीज मंत्र का पारायण: यह यज्ञ मंडप का मुख्य हिस्सा होगा।
संगीत और राग सेवा
रामलला के लिए संगीत कार्यक्रम भी आयोजित किए जाएंगे।
- शाम 3 से 5 बजे: राग सेवा में स्थानीय, प्रांतीय और राष्ट्रीय स्तर के ख्यातिप्राप्त गायक भगवान को अपनी संगीत सेवा अर्पित करेंगे।
- शाम 6 से 9 बजे: भगवान की बधाई और रामलला को अर्पित बधाई दान का आयोजन होगा।
यात्री सुविधा केंद्र में विशेष प्रबंध
श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए यात्री सुविधा केंद्र में कुर्सियां, पानी, मोबाइल और जूते रखने की व्यवस्था, स्क्रीन, और शौचालय उपलब्ध रहेंगे। यहां करीब 1000 लोग एक साथ बैठ सकते हैं।
संतों और आमंत्रित अतिथियों के लिए विशेष व्यवस्था
जिन संतों और महात्माओं को प्राण प्रतिष्ठा के मुख्य कार्यक्रम में आमंत्रित नहीं किया जा सका था, उन्हें इस बार विशेष रूप से आमंत्रित किया जाएगा। साथ ही, 50 विशिष्ट गृहस्थों को भी इस महोत्सव का हिस्सा बनाने की योजना है।
अयोध्या के संतों को राम मंदिर का निर्माण कार्य दिखाया जाएगा
प्राण प्रतिष्ठा महोत्सव के दौरान अयोध्या के संतों को रामलला परिसर और मंदिर निर्माण कार्य की विशेष झलक दिखाने का प्रयास किया जाएगा।
यह वार्षिक उत्सव न केवल एक धार्मिक आयोजन होगा, बल्कि अयोध्या और पूरे देश के लिए आध्यात्मिक ऊर्जा का स्रोत बनेगा।