Congress MP Mohammad Jawed Challenges Waqf Amendment Bill 2025 in Supreme Court
कांग्रेस सांसद मोहम्मद जावेद ने वक्फ (संशोधन) विधेयक 2025 को सुप्रीम कोर्ट में दी चुनौती
AIN NEWS 1 नई दिल्ली: कांग्रेस सांसद मोहम्मद जावेद ने वक्फ (संशोधन) विधेयक 2025 के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की है। यह विधेयक हाल ही में संसद द्वारा पारित किया गया था और अब इसे कानून बनने के लिए राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू की मंजूरी की प्रतीक्षा है।
विधेयक का सारांश
वक्फ (संशोधन) विधेयक 2025, भारत में वक्फ संपत्तियों और उनके प्रबंधन से जुड़े कई महत्वपूर्ण प्रावधानों में बदलाव करता है। इस विधेयक के तहत वक्फ संपत्तियों के स्वामित्व, देखरेख और नियंत्रण से जुड़े कई नए प्रावधान जोड़े गए हैं। सरकार का तर्क है कि इस संशोधन से वक्फ बोर्डों की पारदर्शिता और जवाबदेही बढ़ेगी, जबकि इसके आलोचकों का कहना है कि इससे मुस्लिम समुदाय की धार्मिक संपत्तियों पर सरकारी नियंत्रण बढ़ सकता है।
क्यों दायर की गई याचिका?
कांग्रेस सांसद मोहम्मद जावेद का कहना है कि यह विधेयक वक्फ संपत्तियों की स्वायत्तता पर नकारात्मक प्रभाव डालेगा और मुस्लिम समुदाय के धार्मिक अधिकारों का हनन करेगा। उन्होंने तर्क दिया है कि यह संशोधन संविधान के अनुच्छेद 25 और 26 का उल्लंघन करता है, जो धार्मिक स्वतंत्रता की गारंटी देते हैं। जावेद का मानना है कि यह विधेयक सरकार को वक्फ संपत्तियों पर अनुचित नियंत्रण देता है, जिससे उनकी पवित्रता और उद्देश्य प्रभावित हो सकते हैं।
विधेयक का समर्थन और विरोध
समर्थन में तर्क –
सरकार का कहना है कि यह विधेयक वक्फ संपत्तियों के प्रशासन में पारदर्शिता और दक्षता बढ़ाएगा।
इससे वक्फ बोर्डों में भ्रष्टाचार को रोका जा सकेगा और संपत्तियों का बेहतर प्रबंधन सुनिश्चित होगा।
अवैध कब्जे और दुरुपयोग को रोकने के लिए नए नियम लागू किए जाएंगे।
विरोध में तर्क –
मुस्लिम समुदाय और कुछ राजनीतिक दलों का कहना है कि यह विधेयक सरकार को धार्मिक संपत्तियों पर अनुचित नियंत्रण देता है।
यह वक्फ बोर्डों की स्वायत्तता को कम कर सकता है और सरकार को संपत्तियों के हस्तांतरण में हस्तक्षेप करने का अधिकार देता है।
समुदाय को डर है कि यह संशोधन धीरे-धीरे वक्फ संपत्तियों के मूल उद्देश्य को बदल सकता है।
सुप्रीम कोर्ट में क्या होगा आगे?
अब जब यह मामला सुप्रीम कोर्ट में पहुंच चुका है, तो न्यायपालिका की भूमिका महत्वपूर्ण हो जाती है। सुप्रीम कोर्ट को तय करना होगा कि यह संशोधन संविधान के अनुरूप है या नहीं। यदि अदालत इसे असंवैधानिक पाती है, तो इसे रद्द किया जा सकता है या आवश्यक संशोधन के लिए वापस भेजा जा सकता है।
मुस्लिम समुदाय की प्रतिक्रिया
इस विधेयक के खिलाफ देशभर में विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं। कई मुस्लिम संगठन और धार्मिक नेता इसे धार्मिक स्वतंत्रता पर हमला बता रहे हैं। ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड सहित कई संगठनों ने इस विधेयक को निरस्त करने की मांग की है।
राजनीतिक प्रभाव
कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस, समाजवादी पार्टी और अन्य विपक्षी दल इस विधेयक का विरोध कर रहे हैं।
भाजपा और इसके सहयोगी दलों का मानना है कि यह विधेयक वक्फ संपत्तियों के बेहतर प्रबंधन के लिए जरूरी है।
आने वाले चुनावों में यह मुद्दा बड़ा राजनीतिक विषय बन सकता है।
वक्फ (संशोधन) विधेयक 2025 को लेकर देश में गहरी बहस छिड़ी हुई है। एक ओर, सरकार इसे पारदर्शिता और कुशल प्रशासन का माध्यम मान रही है, जबकि दूसरी ओर, मुस्लिम समुदाय इसे धार्मिक अधिकारों का उल्लंघन बता रहा है। अब सुप्रीम कोर्ट में इस याचिका पर आने वाला फैसला यह तय करेगा कि इस विधेयक का भविष्य क्या होगा।
Congress MP Mohammad Jawed has filed a petition in the Supreme Court challenging the Waqf (Amendment) Bill, 2025, which was recently passed by Parliament and is now awaiting President Droupadi Murmu’s assent to become law. This bill proposes significant changes to the Waqf Act, affecting Waqf properties and their governance. Legal experts and political leaders are debating the impact of this amendment on the Indian Muslim community and religious properties. The Supreme Court’s decision on this challenge could have far-reaching implications on Waqf board regulations and the legal framework surrounding Waqf properties in India.