- 75वें संविधान दिवस पर सुप्रीम कोर्ट में आयोजित हुआ विशेष कार्यक्रम।
- पहली बार जम्मू-कश्मीर में संविधान दिवस का आयोजन।
- पीएम मोदी ने नई न्याय संहिता की जरूरत और प्रभाव पर दिया जोर।
जम्मू-कश्मीर में ऐतिहासिक संविधान दिवस
संविधान दिवस के 75वें वर्ष पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार (26 नवंबर) को सुप्रीम कोर्ट के विशेष कार्यक्रम में भाग लिया। अपने संबोधन में उन्होंने पहली बार जम्मू-कश्मीर में संविधान दिवस मनाए जाने पर विशेष जोर दिया। पीएम ने कहा कि बाबा साहब अंबेडकर के संविधान को जम्मू-कश्मीर में पूरी तरह लागू करना भारतीय लोकतंत्र के लिए एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है।
नई न्याय संहिता पर पीएम का बयान
कार्यक्रम में प्रधानमंत्री ने कहा, “हमारा संविधान हर जरूरत और अपेक्षा पर खरा उतरा है।” उन्होंने यह भी बताया कि त्वरित न्याय सुनिश्चित करने के लिए नई न्याय संहिता लागू की गई है। इसके तहत दंड आधारित व्यवस्था को न्याय आधारित व्यवस्था में बदलने का प्रयास किया गया है।
संविधान की शक्ति पर प्रकाश
प्रधानमंत्री ने भारत के संविधान को “मार्गदर्शक” बताते हुए कहा कि देश आज बदलाव के बड़े दौर से गुजर रहा है। ऐसे में संविधान भारत को सही दिशा दिखाने और हर चुनौती का सामना करने में सक्षम बना रहा है।
इस कार्यक्रम में संविधान के महत्व और उसकी शक्ति को रेखांकित करते हुए पीएम मोदी ने यह भी कहा कि यह देश की एकता और अखंडता का आधार है।