AIN NEWS 1: उत्तर प्रदेश में अपराधियों की धरपकड़ और गश्त व्यवस्था को और मजबूत करने के लिए डीजीपी प्रशांत कुमार ने नाकाबंदी योजना लागू करने के निर्देश दिए हैं। इस योजना के तहत अपराध होने पर पूरे शहर की सीमाएं तत्काल लॉक कर दी जाएंगी। साथ ही प्रमुख स्थानों और सीमाओं पर त्रिस्तरीय चेकिंग की व्यवस्था होगी।
योजना की प्रमुख बातें
1. त्रिस्तरीय चेकिंग:
किसी भी घटना के बाद अपराधियों को पकड़ने के लिए शहर की सीमाओं, प्रवेश और निकास मार्गों पर तीन स्तरों पर सघन चेकिंग होगी।
2. सीसीटीवी निगरानी:
सभी बैरियर और चेकिंग प्वाइंट्स को सीसीटीवी कैमरों की निगरानी में रखा जाएगा। यह व्यवस्था ऑपरेशन त्रिनेत्र के तहत होगी।
3. यातायात बाधित न हो:
डीजीपी ने आदेश दिए हैं कि नाकाबंदी के दौरान यातायात व्यवस्था सुचारू रखी जाए। किसी भी स्थिति में आम जनता को परेशानी न हो।
सभी अधिकारियों को जिम्मेदारी सौंपी गई
डीजीपी ने आईजी, डीआईजी, पुलिस कमिश्नर और जिले के पुलिस कप्तानों को निर्देश दिया है कि वे अपने-अपने क्षेत्र में प्रभावी नाकाबंदी योजना बनाएं। इस योजना के तहत सभी थाना प्रभारी और चौकी इंचार्ज को ब्रीफिंग दी जाएगी। यूपी-112 वाहनों और उनके कर्मचारियों को भी इस अभियान में शामिल किया जाएगा।
चेकिंग के दौरान सुरक्षा पर जोर
नाकाबंदी और चेकिंग के दौरान पुलिसकर्मियों को सभी जरूरी सुरक्षा उपकरणों से लैस रहने के निर्देश दिए गए हैं। इनके पास बॉडीवॉर्न कैमरे, सर्विस रिवॉल्वर या पिस्टल और डंडा होना अनिवार्य होगा। पुलिसकर्मियों को इस योजना में दक्ष बनाने के लिए मॉक ड्रिल आयोजित की जाएगी।
नाकाबंदी से पहले तैयारी
चिन्हित हॉटस्पॉट और संवेदनशील बिंदुओं पर समय पर चेकिंग शुरू करने के लिए बैरियर और बूथ को ठीक किया जाएगा।
सभी स्थानों को सीसीटीवी कैमरों की निगरानी में लाया जाएगा।
चेकिंग के लिए सभी जरूरी संसाधन समय पर जुटाए जाएंगे।
योजना का उद्देश्य
नाकाबंदी योजना का मुख्य उद्देश्य अपराध होने की स्थिति में अपराधियों को तत्काल पकड़ना और गश्त व्यवस्था को और मजबूत करना है। डीजीपी ने इस योजना को प्रभावी तरीके से लागू करने के लिए सभी अधिकारियों को निर्देश दिए हैं।
इस योजना के प्रभावी अमल से प्रदेश में अपराध नियंत्रण और पुलिस की सटीक कार्यप्रणाली सुनिश्चित की जा सकेगी।