AIN NEWS 1: गोवा के मडगांव में एक वकील की आत्महत्या ने पुलिस और न्यायिक अधिकारियों के बीच विवाद पैदा कर दिया है। वकील जयंत प्रभु ने गुरुवार को दावोरलिम गांव स्थित अपने घर पर आत्महत्या कर ली। आत्महत्या के कुछ घंटे पहले, पुलिस की एक टीम ने उनके घर पर छापेमारी की थी। इस छापेमारी का नेतृत्व सब इंस्पेक्टर अनुष्का परब कर रही थीं। अब इस मामले में सब इंस्पेक्टर पर आत्महत्या के लिए उकसाने का आरोप लगाया गया है और उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है।
पुलिस के एक अधिकारी ने बताया कि वकील जयंत प्रभु की आत्महत्या के कारणों की जांच की जा रही है। बताया गया कि पुलिस टीम जयंत प्रभु के बेटे प्रीतेश की तलाश कर रही थी, जो छेड़छाड़ के एक मामले में आरोपी था। इसी सिलसिले में सब इंस्पेक्टर अनुष्का परब की अगुवाई में पुलिस ने जयंत प्रभु के घर पर छापेमारी की थी।
सुसाइड के बाद, वकील के परिवार ने आरोप लगाया कि सब इंस्पेक्टर परब ने उनकी छापेमारी के दौरान अत्यधिक दबाव डाला, जिसके कारण जयंत प्रभु ने आत्महत्या का कदम उठाया। मृतक के सुसाइड नोट में भी सब इंस्पेक्टर का नाम आने की बात कही गई है, जिसके आधार पर पुलिस ने मामले की गंभीरता से जांच शुरू की है।
शुक्रवार को साउथ गोवा लॉयर्स एसोसिएशन ने इस मुद्दे पर विरोध प्रदर्शन किया और पीएसआई अनुष्का परब के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने की मांग की। वकीलों ने आरोप लगाया कि सब इंस्पेक्टर ने अपने अधिकारों का दुरुपयोग किया और वकील पर मानसिक दबाव डाला, जिससे उनकी आत्महत्या हुई।
डिप्टी एसपी संतोष देसाई ने कहा कि प्रभु के परिवार द्वारा लगाए गए आरोपों की पूरी जांच की जाएगी। वे यह सुनिश्चित करेंगे कि मामले की निष्पक्ष और उचित जांच हो और दोषी पाए जाने पर उचित कार्रवाई की जाएगी।
इस घटना ने स्थानीय वकीलों और पुलिस अधिकारियों के बीच तनाव बढ़ा दिया है। मामले की जांच पूरी होने के बाद ही सच्चाई सामने आ पाएगी और यह स्पष्ट हो सकेगा कि क्या सब इंस्पेक्टर परब की कार्रवाई आत्महत्या के लिए जिम्मेदार थी या नहीं।