Agra Conversion Gang Exposed: Victim Reveals Third-Fourth Wife Trap and Foreign Funding
धर्मांतरण गैंग का खुलासा: ‘तीसरी-चौथी बीवी बनने’ का लालच और विदेशी फंडिंग का खेल
AIN NEWS 1: देहरादून की एक युवती सृष्टि (जिसका नाम धर्मांतरण के बाद मरियम रख दिया गया था) ने आगरा के धर्मांतरण गैंग की परतें खोल दी हैं। यह गैंग सोशल मीडिया के जरिए लड़कियों को फंसाकर उन्हें इस्लाम कबूल करने के लिए मजबूर करता था, यहां तक कि तीसरी या चौथी बीवी बनने का लालच भी देता था। पीड़िता की आपबीती सामने आने के बाद पूरे नेटवर्क का पर्दाफाश हुआ है।
फेसबुक से दोस्ती और धर्मांतरण का दबाव
सृष्टि ने बताया कि उसकी मुलाकात तालिब नाम के युवक से फेसबुक पर हुई। धीरे-धीरे दोनों के बीच बातचीत बढ़ी। तालिब ने उसे इस्लाम धर्म अपनाने के लिए प्रेरित करना शुरू कर दिया और शादी का दबाव बनाने लगा। उसने सृष्टि को अपने अन्य साथियों – सुमैया, सफीया, आयशा और अब्दुल रहमान – से मिलवाया।
बेहतर जिंदगी का लालच
सृष्टि के अनुसार, इस गैंग की सदस्य आयशा ने उसकी आर्थिक स्थिति का फायदा उठाया। उसने कहा कि अगर वह इस्लाम अपनाकर किसी की दूसरी, तीसरी या चौथी पत्नी बन जाती है, तो उसके ऊपर निवेश किया जाएगा, यानी उसे बेहतर रहन-सहन और सुरक्षा दी जाएगी।
सोशल मीडिया के जरिए शिकार
आगरा पुलिस की जांच में सामने आया कि यह नेटवर्क सात राज्यों में सक्रिय था, जिनमें महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, राजस्थान, उत्तराखंड, झारखंड, दिल्ली और उत्तर प्रदेश के कई शहर शामिल हैं। कई लड़कियों को सोशल मीडिया पर फंसाकर इस नेटवर्क में शामिल किया गया।
धर्मांतरण फैक्ट्री और दिल्ली का नेटवर्क
पीड़िता ने खुलासा किया कि उसे कई व्हाट्सएप ग्रुप में जोड़ा गया और दिल्ली के रहने वाले अब्दुल रहमान से संपर्क कराया गया। अब्दुल रहमान ने भी वही शर्त रखी—“अगर दूसरी या तीसरी शादी के लिए तैयार हो, तो ही मदद मिलेगी।” सृष्टि के इंकार करने पर उस पर दबाव बनाया गया।
दिल्ली में अब्दुल रहमान द्वारा संचालित एक धर्मांतरण फैक्ट्री का भी खुलासा हुआ, जिसे पुलिस ने सील कर दिया है। यह फैक्ट्री लड़कियों के ब्रेनवॉश और उन्हें बाहर भेजने का केंद्र थी।
‘जिहादी टीचर’ आयशा की भूमिका
गैंग की सदस्य आयशा खास तौर पर 18 साल से ऊपर की लड़कियों को निशाना बनाती थी। वह इस्लामिक शिक्षा के नाम पर उनका ब्रेनवॉश करती और जिहाद की विचारधारा से जोड़ती थी। पीड़िता के मुताबिक, इस नेटवर्क का पहला कदम था – पीड़ित के मोबाइल और सिम कार्ड को नष्ट करना। उसे फर्जी सिम कार्ड दिए जाते थे और फोन तोड़कर पानी में फेंकने की ट्रेनिंग दी जाती थी।
विदेशी फंडिंग का खेल
इस गैंग का एक और चौंकाने वाला पहलू विदेशी फंडिंग से जुड़ा हुआ था। सृष्टि ने बताया कि धर्मांतरण के बाद उससे कलमा पढ़वाया गया और नया इस्लामिक नाम चुनने को कहा गया। उसकी आवाज रिकॉर्ड कर विदेश भेजी जाती थी, ताकि यह दिखाया जा सके कि हिंदू लड़कियां इस्लाम कबूल कर रही हैं। इस प्रक्रिया का उपयोग विदेशी फंडिंग जुटाने के लिए किया जाता था।
पुलिस की कार्रवाई और गैंग का खुलासा
आगरा पुलिस ने इस गैंग के कई सदस्यों को गिरफ्तार किया, जिनमें मुख्य आरोपी छांगुर बाबा, अब्दुल रहमान और नीतू शामिल हैं। गोवा से आयशा को गिरफ्तार किया गया, जिसके मोबाइल से जिहादी वीडियो मिले।
पीड़िता की गवाही का महत्व
सृष्टि की गवाही न केवल इस गैंग के नेटवर्क को तोड़ने में अहम साबित हुई है, बल्कि उन दर्जनों लड़कियों को खोजने में भी मददगार है, जो इस तरह के जाल में फंस चुकी थीं या लापता हो गईं।
समाज के लिए चेतावनी
यह मामला सिर्फ एक शहर या एक गिरोह का नहीं है। यह उस बड़े खतरे की ओर इशारा करता है, जिसमें सोशल मीडिया के जरिए युवतियों को फंसाकर उनकी जिंदगी बर्बाद की जा रही है। सृष्टि का साहस उन अन्य लड़कियों के लिए भी उम्मीद की किरण है, जो इस तरह के जाल में फंस चुकी हैं लेकिन बाहर आने की हिम्मत नहीं जुटा पा रहीं।
A shocking case from Agra has exposed a religious conversion gang accused of trapping Hindu girls through social media, pressuring them to convert to Islam, and forcing them into becoming a third or fourth wife. A Dehradun girl named Srishti, renamed Mariam after conversion, revealed how the gang used emotional manipulation, financial promises, and foreign funding to lure and control victims. Her testimony has led to arrests and exposed sleeper cells operating in multiple states.