AIN NEWS 1 | भारत की केंद्रीय अर्धसैनिक बलों (CAPF) में DG यानी डायरेक्टर जनरल की भूमिका सर्वोच्च होती है। CRPF और CISF दोनों ही बलों के DG IPS अधिकारी होते हैं, जिन्हें केंद्र सरकार नियुक्त करती है। लेकिन सवाल यह है कि दोनों में ज्यादा प्रभावशाली और पावरफुल कौन होता है?
🔰 CRPF DG: सबसे बड़ी फोर्स का नेतृत्व
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CRPF (Central Reserve Police Force) भारत की सबसे बड़ी अर्धसैनिक फोर्स है।
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इसके DG की जिम्मेदारी करीब 3 लाख से ज्यादा जवानों की होती है।
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CRPF की तैनाती नक्सल प्रभावित क्षेत्र, जम्मू-कश्मीर, पूर्वोत्तर और चुनावी ड्यूटी जैसे महत्वपूर्ण क्षेत्रों में होती है।
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इस कारण CRPF DG को फील्ड पर ज्यादा प्रभावी, फैसले लेने वाला और संचालन में अनुभवी माना जाता है।
🛡️ CISF DG: संवेदनशील और हाई-सिक्योरिटी जिम्मेदारियां
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CISF (Central Industrial Security Force) की जिम्मेदारी है देश की औद्योगिक और आर्थिक संपत्तियों की रक्षा करना।
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इसमें एयरपोर्ट, मेट्रो, परमाणु संयंत्र, सरकारी प्रतिष्ठान और प्राइवेट कंपनियों की सुरक्षा शामिल है।
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इसके DG का रोल काफी रणनीतिक और संवेदनशील होता है, भले ही फील्ड तैनाती सीमित हो।
⚖️ कौन ज्यादा पावरफुल?
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तकनीकी रूप से दोनों DG की रैंक समान होती है — DG रैंक के IPS अधिकारी।
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लेकिन CRPF DG को ज्यादा पावरफुल माना जाता है, क्योंकि उसका कमांड एरिया बड़ा होता है और फोर्स अधिक एक्टिव रहती है।
💰 सैलरी में कोई अंतर नहीं
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CRPF और CISF दोनों DG को लगभग ₹2,25,000 प्रति माह वेतन मिलता है।
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साथ ही सरकारी आवास, वाहन, स्टाफ, और भत्ते जैसे सुविधाएं भी दोनों को समान रूप से मिलती हैं।
In India’s central armed police forces, both CRPF and CISF are led by IPS officers holding the DG (Director General) rank. While their salary structures are identical—approximately ₹2.25 lakh per month—CRPF’s DG is often considered more powerful due to the vast field deployment and command over more than 3 lakh personnel across high-risk zones like Naxal areas and Jammu & Kashmir. On the other hand, CISF’s DG handles highly sensitive security responsibilities, especially in industrial and critical infrastructure, making it equally significant in strategic terms.