AIN NEWS 1: चीन में फैले ह्यूमन मेटान्यूमोवायरस (HMPV) का भारत में तीसरा मामला सामने आया है। गुजरात के अहमदाबाद में 2 महीने का बच्चा HMPV वायरस से संक्रमित पाया गया है। इससे पहले कर्नाटक में 3 महीने की बच्ची और 8 महीने के बच्चे में यह वायरस पाया गया था।
कर्नाटक के स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक, दोनों बच्चों की जांच निजी लैब में हुई थी। वहीं गुजरात के ऑरेंज हॉस्पिटल के डॉ. नीरव पटेल ने बताया कि संक्रमित बच्चे को सर्दी, तेज बुखार और सांस की समस्या के कारण अस्पताल में भर्ती कराया गया। उसे 5 दिनों तक वेंटिलेटर पर रखा गया।
HMPV वायरस: क्या है यह और कैसे फैलता है?
HMPV एक RNA वायरस है, जो मुख्य रूप से श्वसन तंत्र को प्रभावित करता है। इसके लक्षण कोविड-19 जैसे हैं, लेकिन यह वायरस कोरोना से अलग है। यह खांसने, छींकने और संक्रमित सतह को छूने से फैलता है। संक्रमित व्यक्ति से संपर्क के बाद 3-5 दिनों में इसके लक्षण दिखने लगते हैं।
HMPV वायरस के लक्षण
इस वायरस के सामान्य लक्षणों में शामिल हैं:
खांसी
बुखार
गले में खराश
नाक बहना
सांस की तकलीफ
घरघराहट
गंभीर मामलों में निमोनिया और ब्रोंकाइटिस का खतरा
छोटे बच्चे, बुजुर्ग और कमजोर इम्यूनिटी वाले लोग इस वायरस से ज्यादा प्रभावित हो सकते हैं।
HMPV वायरस: कितना खतरनाक?
HMPV वायरस कोरोना जितना खतरनाक नहीं है। यह नया वायरस नहीं है। पहली बार इसका पता 2001 में नीदरलैंड में लगाया गया था, लेकिन इसे 50 साल पुराना वायरस माना जाता है। अमेरिका, ब्रिटेन, ऑस्ट्रेलिया और चीन में भी इसके मामले सामने आ चुके हैं।
फिलहाल इस वायरस का कोई म्यूटेटेड या खतरनाक वैरिएंट सामने नहीं आया है। वैज्ञानिकों के अनुसार, यह वायरस गंभीर खतरा पैदा करने की स्थिति में नहीं है।
भारत में तैयारी और बचाव के उपाय
भारत सरकार ने कहा है कि देश में HMPV वायरस को लेकर स्थिति नियंत्रण में है। ICMR और IDSP की निगरानी प्रणाली के तहत फ्लू और श्वसन संबंधी बीमारियों पर नजर रखी जा रही है।
स्वास्थ्य मंत्रालय ने HMPV वायरस से बचाव के लिए निम्नलिखित एहतियाती उपाय सुझाए हैं:
क्या करें:
खांसते या छींकते समय मुंह-नाक को रूमाल या टिशू पेपर से ढकें।
हाथों को साबुन और पानी से धोएं या सैनिटाइजर का इस्तेमाल करें।
भीड़भाड़ वाली जगहों से बचें।
बुखार, खांसी और सर्दी होने पर सार्वजनिक स्थानों से दूर रहें।
कमरे में वेंटिलेशन की व्यवस्था रखें।
पौष्टिक भोजन और पर्याप्त मात्रा में पानी पिएं।
क्या न करें:
टिशू पेपर या रूमाल का दोबारा इस्तेमाल।
बीमार व्यक्ति के साथ निकट संपर्क।
बार-बार आंख, नाक और मुंह को छूना।
सार्वजनिक स्थानों पर थूकना।
डॉक्टर की सलाह के बिना दवाएं लेना।
HMPV और कोरोना: क्या हैं समानताएं और अंतर?
HMPV और कोरोना वायरस दोनों श्वसन तंत्र को प्रभावित करते हैं। इनके लक्षण, जैसे खांसी, बुखार और सांस की समस्या, एक जैसे हो सकते हैं। ये दोनों वायरस संक्रमित सतह और सांस के जरिए फैलते हैं।
हालांकि, HMPV कोरोना जितना गंभीर नहीं है। इसका प्रभाव ज्यादातर हल्का होता है। कोरोना की तरह इसके लिए वैक्सीन या एंटीवायरल दवाएं अभी उपलब्ध नहीं हैं।
क्या HMPV वायरस का इलाज संभव है?
HMPV वायरस के लिए फिलहाल कोई विशेष एंटीवायरल दवा या वैक्सीन उपलब्ध नहीं है। अधिकांश मामलों में मरीज घर पर रहकर लक्षणों का प्रबंधन कर सकते हैं। गंभीर मामलों में ऑक्सीजन थेरेपी, IV ड्रिप और स्टेरॉयड्स की जरूरत पड़ सकती है।
HMPV वायरस से बचाव के तरीके
नियमित रूप से हाथ धोएं।
मास्क पहनें और भीड़भाड़ वाली जगहों से बचें।
संक्रमित व्यक्ति से दूरी बनाए रखें।
इम्यूनिटी बढ़ाने के लिए पौष्टिक आहार और पर्याप्त पानी का सेवन करें।
HMPV वायरस नया नहीं है और इसके ज्यादातर मामले हल्के होते हैं। भारत सरकार स्थिति पर नजर रखे हुए है और निगरानी प्रणाली मजबूत है। हालांकि, बच्चों और कमजोर इम्यूनिटी वाले लोगों को सतर्क रहने की जरूरत है। एहतियाती उपाय अपनाकर इस वायरस से बचा जा सकता है।
विशेषज्ञों की राय
डॉ. अंकित बंसल, कंसल्टेंट, इंटरनल मेडिसिन, श्री बालाजी एक्शन मेडिकल इंस्टीट्यूट, दिल्ली के अनुसार, HMPV वायरस कोविड-19 जितना घातक नहीं है। सावधानी और स्वच्छता से इसे रोका जा सकता है।