AIN NEWS 1: 18 दिसंबर को लोकसभा में रक्षा मामलों की स्थायी समिति ने एक महत्वपूर्ण रिपोर्ट प्रस्तुत की। रिपोर्ट में 8 दिसंबर 2021 को हुई Mi-17 V5 हेलीकॉप्टर दुर्घटना का कारण ‘मानवीय भूल’ बताया गया है। यह दुर्घटना तमिलनाडु के कुन्नूर क्षेत्र में हुई थी, जिसमें तत्कालीन चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (CDS) जनरल बिपिन रावत और उनकी पत्नी मधुलिका रावत सहित सभी 14 लोग मारे गए थे।
दुर्घटना का विवरण:
8 दिसंबर 2021 को Mi-17 V5 हेलीकॉप्टर, जो भारतीय वायुसेना का एक प्रमुख हेलीकॉप्टर था, कुन्नूर के पहाड़ी क्षेत्र में दुर्घटनाग्रस्त हो गया था। हेलीकॉप्टर में जनरल बिपिन रावत, उनकी पत्नी, और अन्य अधिकारियों सहित 14 लोग सवार थे। हादसे में सभी की मौत हो गई थी, और यह घटना भारतीय सेना के लिए एक बड़ा झटका साबित हुई थी।
जांच रिपोर्ट का निष्कर्ष:
रक्षा समिति द्वारा प्रस्तुत की गई रिपोर्ट में यह स्पष्ट किया गया है कि हेलीकॉप्टर दुर्घटना एक मानवीय भूल के कारण हुई थी। रिपोर्ट के अनुसार, हादसे का मुख्य कारण हेलीकॉप्टर के एयरक्रू की गलती थी, जो उस समय मौसम के खतरनाक हालात और पहाड़ी इलाके की जटिलताओं को सही से समझ नहीं पाए। इससे हेलीकॉप्टर अपने निर्धारित मार्ग से भटक गया और दुर्घटनाग्रस्त हो गया।
समिति की टिप्पणी:
रक्षा समिति ने इस दुर्घटना को लेकर गहरी चिंता व्यक्त की है और इस बात पर जोर दिया है कि भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए एयरक्रू के प्रशिक्षण और संचालन में सुधार की आवश्यकता है। समिति ने यह भी सुझाव दिया है कि हेलीकॉप्टर संचालन में अधिक सावधानी बरती जाए और तकनीकी उपायों के साथ-साथ मानवीय त्रुटियों को कम करने के लिए आवश्यक कदम उठाए जाएं।
जनरल रावत की महत्वपूर्ण भूमिका:
जनरल बिपिन रावत की मृत्यु भारतीय सेना के लिए एक अपूरणीय क्षति थी। वे पहले चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (CDS) के रूप में नियुक्त किए गए थे, और उनका नेतृत्व भारतीय सेना के लिए बहुत महत्वपूर्ण था। जनरल रावत के साथ उनकी पत्नी मधुलिका रावत और सेना के अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी इस दुर्घटना का शिकार हुए थे।
यह रिपोर्ट न केवल इस दुखद घटना के कारणों का पर्दाफाश करती है, बल्कि भारतीय रक्षा बलों के लिए महत्वपूर्ण सुरक्षा सुधारों की आवश्यकता को भी उजागर करती है। रिपोर्ट में दिए गए सुझावों के बाद, आशा है कि भविष्य में ऐसी घटनाएं कम होंगी और वायुसेना और अन्य बलों के एयरक्रू को बेहतर प्रशिक्षण मिलेगा।