AIN NEWS 1 वियनतियाने (लाओस): भारत के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने जापान के रक्षा मंत्री जनरल निकतानी के साथ एक महत्वपूर्ण बैठक की। यह बैठक लाओस के वियनतियाने में हुई, जहां दोनों देशों ने क्षेत्रीय सुरक्षा और आपसी सहयोग पर चर्चा की।
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने बैठक के बाद सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर अपने विचार साझा करते हुए लिखा, “जापान के रक्षा मंत्री जनरल निकतानी के साथ वियनतियाने, लाओस पीडीआर में बहुत अच्छी बैठक हुई। मुझे विश्वास है कि हमारी साझेदारी स्वतंत्र, खुले और नियम-आधारित इंडो-पैसिफिक क्षेत्र को सुनिश्चित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी।”
बैठक के मुख्य बिंदु
1. इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में सहयोग:
दोनों नेताओं ने इस बात पर जोर दिया कि एक स्वतंत्र और नियम-आधारित इंडो-पैसिफिक क्षेत्र सभी संबंधित देशों के लिए लाभदायक होगा। क्षेत्रीय स्थिरता और सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए सहयोग बढ़ाने की आवश्यकता पर भी चर्चा की गई।
2. सुरक्षा साझेदारी को गहराई देने पर सहमति:
भारत और जापान ने अपनी सुरक्षा साझेदारी को और मजबूत करने की दिशा में काम करने का निर्णय लिया। इसमें रक्षा तकनीक, आपूर्ति श्रृंखला और सामरिक क्षेत्र में सहयोग शामिल है।
3. क्षेत्रीय और वैश्विक चुनौतियां:
दोनों देशों ने क्षेत्रीय और वैश्विक सुरक्षा चुनौतियों का सामना करने के लिए मिलकर काम करने की प्रतिबद्धता जताई। इसमें समुद्री सुरक्षा और आतंकवाद के खिलाफ सहयोग प्राथमिकता में शामिल हैं।
भारत-जापान के बढ़ते संबंध
भारत और जापान के बीच रक्षा और सामरिक साझेदारी पिछले कुछ वर्षों में मजबूत हुई है। दोनों देश न केवल द्विपक्षीय स्तर पर बल्कि मल्टीलेटरल मंचों पर भी करीबी सहयोग करते रहे हैं। क्वाड (भारत, जापान, अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया) जैसे मंचों के जरिए भी दोनों देश अपने संबंधों को नई ऊंचाइयों पर ले जा रहे हैं।
रक्षा मंत्री का बयान और महत्व
राजनाथ सिंह का यह बयान भारत-जापान साझेदारी की महत्वता को रेखांकित करता है। एक स्वतंत्र और खुला इंडो-पैसिफिक न केवल भारत और जापान के लिए बल्कि पूरे क्षेत्र के लिए रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण है। यह क्षेत्रीय स्थिरता, व्यापार और अंतरराष्ट्रीय संबंधों के संतुलन में अहम भूमिका निभाता है।
यह बैठक ऐसे समय पर हुई है जब इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में सुरक्षा और शक्ति संतुलन को लेकर कई चुनौतियां सामने आ रही हैं। ऐसे में भारत और जापान की साझेदारी इस क्षेत्र में स्थिरता बनाए रखने के लिए महत्वपूर्ण हो सकती है।
निष्कर्ष:
इस बैठक से स्पष्ट होता है कि भारत और जापान के बीच रक्षा क्षेत्र में सहयोग गहरा हो रहा है। यह न केवल दोनों देशों के लिए बल्कि पूरे इंडो-पैसिफिक क्षेत्र के लिए सकारात्मक संकेत है।