AIN NEWS 1: दिल्ली के पर्यटन विभाग ने आज ‘100 पर्यटन धरोहर वॉक’ की शुरुआत की है। इस पहल का उद्देश्य दिल्ली के कम जाने-पहचाने स्मारकों को लोगों के सामने लाना है। इस कार्यक्रम के तहत प्रशिक्षित गाइड और इतिहासकार लोगों को इन विशेष स्थलों की जानकारी देंगे।
आज, दिल्ली के सिविल लाइंस म्यूटिनी मेमोरियल में एक कार्यक्रम आयोजित किया गया, जहां दिल्ली के मंत्री और आम आदमी पार्टी (AAP) के नेता सौरभ भारद्वाज ने इस पहल की शुरुआत की। सौरभ ने कहा, “यह कार्यक्रम उन लोगों के लिए है जो दिल्ली की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत और इतिहास को जानना चाहते हैं। हम उन स्थलों की ओर ध्यान आकर्षित करना चाहते हैं जो आमतौर पर पर्यटकों की नजरों से ओझल रह जाते हैं।”
https://x.com/ANI/status/1844225684752957825?s=19
सिविल लाइंस म्यूटिनी मेमोरियल ब्रिटिश काल में बनवाया गया था। यह स्मारक उन ब्रिटिश सैनिकों की याद में स्थापित किया गया था, जो पहले स्वतंत्रता संग्राम के दौरान शहीद हुए थे। लेकिन स्वतंत्रता के बाद, इस स्मारक को उन भारतीयों की याद में भी सम्मानित किया गया, जिन्होंने इस संघर्ष में अपने प्राणों की आहुति दी।
सौरभ भारद्वाज ने आगे बताया कि इस पहल के अंतर्गत, लोग प्रशिक्षित गाइड्स के साथ इन धरोहर स्थलों की यात्रा करेंगे। गाइड्स इतिहास के विभिन्न पहलुओं को साझा करेंगे, जिससे लोग न केवल इन स्मारकों के बारे में जान सकेंगे, बल्कि उनके पीछे की कहानियों को भी समझ सकेंगे।
यह कार्यक्रम दिल्लीवासियों और पर्यटकों के लिए एक अनूठा अवसर है, जो उन्हें दिल्ली के इतिहास और संस्कृति से जोड़ता है। इसके माध्यम से, सरकार का उद्देश्य न केवल पर्यटन को बढ़ावा देना है, बल्कि लोगों को अपने इतिहास और सांस्कृतिक धरोहर के प्रति जागरूक करना भी है।
सौरभ भारद्वाज ने सभी नागरिकों को आमंत्रित किया कि वे इस कार्यक्रम में भाग लें और दिल्ली की अनदेखी धरोहरों को जानें। इस पहल से न केवल स्थानीय पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा, बल्कि दिल्ली के समृद्ध इतिहास के प्रति जागरूकता भी बढ़ेगी।
इस कार्यक्रम का स्वागत करते हुए, विशेषज्ञों का मानना है कि इससे स्थानीय अर्थव्यवस्था को भी लाभ होगा, क्योंकि अधिक पर्यटक इन स्थलों का दौरा करेंगे। इसके साथ ही, यह कार्यक्रम युवा पीढ़ी को उनके इतिहास के प्रति प्रेरित करेगा।
इस प्रकार, ‘100 पर्यटन धरोहर वॉक’ दिल्ली की ऐतिहासिक धरोहर को संरक्षित करने और उसे जनता के सामने लाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। इससे न केवल दिल्ली का पर्यटन क्षेत्र बढ़ेगा, बल्कि यह नागरिकों को उनके इतिहास और सांस्कृतिक पहचान के प्रति भी जागरूक करेगा।