AIN NEWS 1: दिल्ली हाईकोर्ट ने एक महत्वपूर्ण फैसले में दिल्ली पुलिस की उस याचिका को स्वीकार कर लिया है, जिसमें जांच की समय सीमा बढ़ाने की मांग की गई थी। अदालत ने इस याचिका पर सुनवाई करते हुए पुलिस को जांच पूरी करने के लिए 90 दिनों का अतिरिक्त समय दिया है। यह मामला AQIS (अल कायदा इन इंडियन सबकॉन्टिनेंट) के झारखंड मॉड्यूल से जुड़ा हुआ है, जिसकी जांच विशेष प्रकोष्ठ (स्पेशल सेल) कर रहा है।
पृष्ठभूमि और ट्रायल कोर्ट का फैसला
इससे पहले, ट्रायल कोर्ट ने इस मामले में जांच की समय सीमा बढ़ाने की अनुमति देने से इनकार कर दिया था। ट्रायल कोर्ट के इस फैसले के बाद, दिल्ली पुलिस ने हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया और अपनी याचिका में तर्क दिया कि इस मामले की जटिलता के कारण अधिक समय की आवश्यकता है।
हाईकोर्ट का निर्णय
हाईकोर्ट ने पुलिस के तर्क को स्वीकार करते हुए कहा कि जांच के लिए अतिरिक्त समय दिया जाना उचित है, क्योंकि यह राष्ट्रीय सुरक्षा से संबंधित एक संवेदनशील मामला है। अदालत ने जांच प्रक्रिया की गंभीरता को ध्यान में रखते हुए 90 दिन की अवधि बढ़ाने का आदेश जारी किया।
विशेष प्रकोष्ठ की जांच पर नजर
यह मामला झारखंड में सक्रिय AQIS मॉड्यूल से संबंधित है। विशेष प्रकोष्ठ का दावा है कि यह मॉड्यूल भारत में आतंकी गतिविधियों की साजिश रचने में शामिल था। जांच एजेंसी के मुताबिक, इस मॉड्यूल के संबंध अंतरराष्ट्रीय आतंकवादी संगठनों से हो सकते हैं।
जांच में विस्तार की जरूरत क्यों?
पुलिस ने अपनी याचिका में कहा कि इस मामले में अंतरराज्यीय और अंतरराष्ट्रीय पहलुओं की जांच करनी है, जिसके लिए विभिन्न राज्यों और अन्य एजेंसियों से समन्वय की आवश्यकता है। इसके अलावा, इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों और दस्तावेजों का विश्लेषण भी अभी लंबित है।
राष्ट्रीय सुरक्षा और न्याय का संतुलन
इस फैसले को विशेषज्ञों द्वारा राष्ट्रीय सुरक्षा और न्याय प्रक्रिया के बीच संतुलन बनाए रखने का प्रयास बताया जा रहा है। हाईकोर्ट का यह निर्णय पुलिस को जांच पूरी करने के लिए आवश्यक समय और संसाधन प्रदान करेगा।
दिल्ली हाईकोर्ट का यह निर्णय एक महत्वपूर्ण संदेश देता है कि राष्ट्रीय सुरक्षा के मामलों में जांच एजेंसियों को पर्याप्त समय और सहयोग मिलना चाहिए। अब देखना होगा कि पुलिस इस अतिरिक्त समय का उपयोग करते हुए किस तरह से इस मामले की तह तक पहुंचती है।