Thursday, November 7, 2024

दिल्ली सबसे प्रदूषित, गंगटोक सबसे स्वच्छ: जानें देश की राजधानी शहरों की वायु गुणवत्ता?

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AIN NEWS 1: दिल्ली में वायु प्रदूषण की स्थिति बेहद खराब है, जिससे दिल्ली देश की सबसे प्रदूषित राजधानी बन चुकी है। दिवाली के बाद से दिल्ली का एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) लगातार 300 से ऊपर बना हुआ है, जो ‘बेहद खराब’ श्रेणी में आता है। इस गंभीर स्थिति का असर लोगों के स्वास्थ्य पर पड़ रहा है और यह प्रशासन के लिए भी बड़ी चुनौती है।

दिल्ली की वायु गुणवत्ता में लगातार गिरावट

दिल्ली में 6 नवंबर को AQI 359 रहा, जो कि ‘बहुत खराब’ स्तर पर है। इसी प्रकार नोएडा का AQI 293, गाजियाबाद का 316 और गुरुग्राम का 348 दर्ज किया गया, जो सभी ‘खराब’ या ‘बहुत खराब’ श्रेणी में आते हैं। दिल्ली और इसके आसपास के इलाकों में प्रमुख प्रदूषक पार्टिकुलेट मैटर (PM2.5 और PM10) हैं, जो वाहनों, निर्माण कार्य और अन्य प्रदूषणकारी गतिविधियों से निकलते हैं।

गंगटोक: देश की सबसे स्वच्छ राजधानी

उत्तर पूर्वी भारत में स्थित सिक्किम की राजधानी गंगटोक, देश की सबसे साफ राजधानी मानी जा रही है। 6 नवंबर को सेंट्रल पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड (CPCB) के अनुसार, गंगटोक का AQI महज 29 था, जो “अच्छी” श्रेणी में आता है। यहां प्रमुख प्रदूषक ओजोन है, जो कि दिल्ली में प्रचलित पार्टिकुलेट मैटर से भिन्न है। इसका अर्थ यह है कि गंगटोक में लोग स्वच्छ हवा में सांस ले सकते हैं।

आइजॉल और दक्षिण भारत के शहर भी स्वच्छ

मिजोरम की राजधानी आइजॉल भी देश के स्वच्छ शहरों में गिनी जाती है। 6 नवंबर को यहां का AQI 34 था, जो “अच्छी” श्रेणी में आता है। यहां का मुख्य प्रदूषक PM10 है, पर इसकी मात्रा अन्य प्रदूषित शहरों की तुलना में काफी कम है।

इसी तरह दक्षिण भारत के शहरों में भी स्वच्छता के मामले में अच्छी स्थिति है। कर्नाटक के मंगलोर का AQI 32 था, जो “अच्छी” श्रेणी में आता है। यहां का प्रमुख प्रदूषक कार्बन मोनोऑक्साइड है, जबकि अन्य शहरों में पार्टिकुलेट मैटर प्रमुख समस्या है। दक्षिणी राज्यों के अन्य शहर, जैसे उडुपी (AQI 45), तिरुनेलवेली (35), त्रिसूर (46), तुथूकुडी (46), कोलार (40), और कोल्लम (48) भी “अच्छी” श्रेणी में आते हैं।

दिल्ली की बिगड़ती वायु गुणवत्ता पर एक नजर

दिल्ली और NCR के शहरों में लगातार बढ़ता प्रदूषण स्वास्थ्य के लिए गंभीर खतरा बन गया है। प्रशासन को प्रदूषण नियंत्रण के लिए जरूरी कदम उठाने की आवश्यकता है।

 

 

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सत्यमेव जयते नानृतं सत्येन पन्था विततो देवयानः।
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