AIN NEWS 1 नई दिल्ली Delhi Liquor Case: दिल्ली के शराब घोटाला केस में अब जेल में बंद मनीष सिसोदिया और संजय सिंह की पहली बार एक ही साथ कोर्ट में पेश किए गए हैं. दिल्ली की आबकारी नीति घोटाला मामले में आप के ही राज्यसभा सांसद संजय सिंह और दिल्ली के ही पूर्व डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया की आज न्यायिक हिरासत की अवधि भी खत्म हो रही है. यही वजह रही है कि उन दोनों को ही पुलिस ने राऊज एवेन्यू कोर्ट में एक साथ पेश किया है. मनीष सिसोदिया और आप पार्टी से राज्यसभा सांसद संजय सिंह की राऊज एवेन्यू कोर्ट ने इस बार भी न्यायिक हिरासत को 20 जनवरी तक के लिए बढ़ा दिया है.बीते दिनों ही दिल्ली शराब घोटाला केस में जेल में बंद रहे संजय सिंह को एक बड़ी राहत दी थी. संजय सिंह को इस बार राज्यसभा चुनाव लड़ने के लिए राऊज एवेन्यू कोर्ट ने फॉर्म में हस्ताक्षर करने की अनुमति भी दे दी थी. 19 जनवरी को ही होने वाले राज्यसभा चुनाव के लिए अदालत ने उन्हें अपना नामांकन पत्र भरने की अनुमति भी दे दी. वैसे तो वे इन दिनों न्यायिक हिरासत में ही जेल में बंद हैं. लेकीन आम आदमी पार्टी ने फिर से उन्हें ही अपना उम्मीदवार बनाया है.
यहां हम आपको बता दें पिछले साल फरवरी में ही गिरफ्तार हुए थे सिसोदिया
दरअसल, इस कथित आबकारी नीति घोटाला मामले में मनीष सिसोदिया फिलहाल जेल में काफ़ी समय से ही हैं. उन्हें पिछले साल फरवरी में ही केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने उनके घर से गिरफ्तार किया था और बाद में उन्होंने दिल्ली की आम आदमी पार्टी (आप) सरकार में ही उपमुख्यमंत्री पद से भी इस्तीफा दे दिया था. यहां पर कथित शराब घोटाला 2021-22 में आबकारी नीति से ही संबंधित है. उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने ही इसे लागू किए जाने के संबंध में सीबीआई जांच की सिफारिश भी की थी जिसके तुरंत बाद ही 2022 में आप सरकार ने इसे रद्द भी कर दिया था.
यहां हम आपको बता दें पिछले साल अक्टूबर में ही गिरफ्तार हुए थे संजय
दिल्ली के इस शराब घोटाला केस में मनी लॉन्ड्रिंग मामले में संजय सिंह को भी चार अक्टूबर को ही उनके घर से गिरफ्तार किया गया था. ईडी ने इस मामले मे आरोप लगाया है कि संजय सिंह ने अब रद्द हो चुकी दिल्ली आबकारी नीति 2021-22 बनाने और लागू करने में काफ़ी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी, जिससे कुछ शराब निर्माताओं, थोक विक्रेताओं और खुदरा विक्रेताओं को भी रिश्वत के बदले काफ़ी लाभ हुआ. हालांकि, संजय सिंह ने इस आरोप का पूरी तरह से खंडन किया है जबकि आप ने आरोप लगाया है कि उसके नेताओं को केवल राजनीतिक प्रतिशोध के कारण ही निशाना बनाया जा रहा है.