AIN NEWS 1: दिल्ली के सीलमपुर विधानसभा से विधायक अब्दुल रहमान ने आज आम आदमी पार्टी (AAP) से इस्तीफा दे दिया। उन्होंने पार्टी नेतृत्व पर मुस्लिम समुदाय और अन्य वंचित वर्गों की अनदेखी करने का आरोप लगाया। साथ ही, उन्होंने यह भी कहा कि पार्टी ने सत्ता की राजनीति में उलझकर जनता के मुद्दों को नजरअंदाज किया है।
इस्तीफे का कारण
अब्दुल रहमान ने अपने इस्तीफे की घोषणा करते हुए ट्विटर पर लिखा, “आज मैं आम आदमी पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे रहा हूं। पार्टी ने मुस्लिम समुदाय के अधिकारों की अनदेखी की है और अरविंद केजरीवाल ने हमेशा सत्ता के लिए जनता के मुद्दों से बचने की कोशिश की। मैं न्याय और अधिकारों के लिए संघर्ष करता रहूंगा।”
इसके बाद उन्होंने पार्टी से इस्तीफा देने का औपचारिक पत्र भी लिखा, जिसमें उन्होंने अपने निर्णय की वजहें स्पष्ट कीं।
मुस्लिम समुदाय के अधिकारों की अनदेखी
अब्दुल रहमान ने लिखा कि पार्टी की शुरुआत में उन्हें उम्मीद थी कि यह एक ऐसी पार्टी होगी जो धर्म, जाति और समुदाय से ऊपर उठकर काम करेगी, लेकिन समय के साथ पार्टी ने केवल वोट बैंक की राजनीति की और जब मुस्लिम समुदाय के अधिकारों की बात आई, तो पार्टी ने चुप्पी साध ली। उन्होंने यह भी कहा कि दिल्ली में हुए दंगों के दौरान पार्टी ने पीड़ितों के साथ कोई ठोस कदम नहीं उठाए और न ही कोई सहानुभूति दिखाई।
ताहिर हुसैन का मुद्दा
अब्दुल रहमान ने ताहिर हुसैन, जिन्हें दिल्ली दंगों में झूठे आरोपों में फंसाया गया, का भी उल्लेख किया। उन्होंने आरोप लगाया कि आम आदमी पार्टी ने ताहिर हुसैन को न केवल पार्टी से निष्कासित किया, बल्कि उन्हें अकेला छोड़ दिया। इसके अलावा, दिल्ली मरकज़ और मौलाना साद को कोरोना महामारी के दौरान निशाना बनाए जाने पर भी पार्टी ने कोई रुख नहीं अपनाया।
संबल दंगे पर चुप्पी
हाल ही में हुए संबल दंगों पर भी अब्दुल रहमान ने पार्टी की चुप्पी पर सवाल उठाया। उन्होंने कहा कि पार्टी ने इस संवेदनशील मुद्दे पर भी कोई प्रतिक्रिया नहीं दी, जबकि यह मुद्दा मुस्लिम समुदाय से जुड़ा था।
पार्टी के सत्ता की राजनीति में उलझने का आरोप
अब्दुल रहमान ने यह भी कहा कि आम आदमी पार्टी का दावा था कि वह ईमानदार और पारदर्शी राजनीति करेगी, लेकिन अब वह भी सत्ता की राजनीति में उलझ गई है। पार्टी का नेतृत्व अब जनता के बजाय अपनी राजनीतिक महत्वाकांक्षाओं को प्राथमिकता दे रहा है, जिससे उन्हें और उनके समुदाय को बार-बार धोखा हुआ है।
भविष्य की योजना
अब्दुल रहमान ने अंत में यह स्पष्ट किया कि वह सीलमपुर की जनता के लिए संघर्ष करते रहेंगे और उनके अधिकारों की रक्षा के लिए काम करते रहेंगे। उन्होंने यह भी बताया कि वह जल्द ही अपनी राजनीतिक दिशा और आगामी कदमों की घोषणा करेंगे।
उन्होंने इस इस्तीफे के माध्यम से उन लोगों की आवाज़ उठाई है, जिन्हें पार्टी ने अनदेखा किया और उनका हक छीनने का प्रयास किया।
अब्दुल रहमान का यह इस्तीफा पार्टी के नेतृत्व के प्रति उनके गहरे असंतोष को दर्शाता है और यह सवाल उठाता है कि क्या आम आदमी पार्टी अपनी घोषित नीतियों से भटक गई है।