AIN NEWS 1 ढाका : बांग्लादेश में हिंदू समुदाय ने नई सरकार को सख्त चेतावनी दी है। प्रदर्शनकारियों ने देश में अल्पसंख्यक समुदायों के लिए एक अलग मंत्रालय और अल्पसंख्यक सुरक्षा आयोग की मांग की है। इसके साथ ही, अल्पसंख्यकों पर होने वाले हमलों को रोकने के लिए कठोर कानून बनाने और लागू करने की भी अपील की है।
प्रदर्शन की मुख्य बातें :
– नारे और मांगें : प्रदर्शनकारियों ने नारे लगाए, “यह देश किसी के बाप का नहीं है। हमने खून दिया है। अगर जरूरत पड़ी तो हम फिर से खून देंगे। हम बांग्लादेश नहीं छोड़ेंगे।” उन्होंने शेख हसीना के प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा देने और देश छोड़ने के बाद से हिंदुओं के खिलाफ बढ़ती हिंसा के खिलाफ आवाज उठाई।
– सिविल सोसाइटी की आलोचना : प्रदर्शनकारियों ने हिंसा के दौरान मूकदर्शक बने रहने के लिए सिविल सोसाइटी के सदस्यों की आलोचना की और उनकी सुरक्षा की अपील की।
अल्पसंख्यकों पर उत्पीड़न :
– मामले की रिपोर्ट : बांग्लादेश हिंदू-बौद्ध-ईसाई ओइक्या परिषद ने शुक्रवार को बताया कि शेख हसीना के सत्ता से हटने के बाद से देश के 64 जिलों में से 52 में अल्पसंख्यक समुदायों के खिलाफ 205 उत्पीड़न की घटनाएं हुई हैं।
– आशंका और चिंता : इस संगठन ने नोबेल पुरस्कार विजेता मुहम्मद यूनुस को एक खुले पत्र में कहा कि पूरे देश में अल्पसंख्यक समुदायों में गहरी चिंता और अनिश्चितता का माहौल है।
संयुक्त राष्ट्र की प्रतिक्रिया :
– वैश्विक चिंता : संयुक्त राष्ट्र ने बांग्लादेश में हिंदू समुदाय पर हो रहे हमलों को लेकर चिंता व्यक्त की है। महासचिव एंटोनियो गुटारेस के उप प्रवक्ता फरहान हक ने कहा कि वे नस्ली आधार पर हिंसा और हमलों को रोकने के लिए कदम उठाने के पक्षधर हैं।
– जांच की मांग : संयुक्त राष्ट्र ने बांग्लादेश में हुई हिंसा की जांच के लिए औपचारिक अनुरोध का इंतजार किया है। उन्होंने नोबेल पुरस्कार विजेता मोहम्मद यूनुस को अंतरिम सरकार के प्रमुख सलाहकार बनाए जाने पर शांति बहाली की उम्मीद जताई है।
यह घटनाक्रम बांग्लादेश में धार्मिक और सामाजिक स्थिति पर ध्यान केंद्रित करता है और वैश्विक समुदाय से समर्थन और ध्यान आकर्षित कर रहा है।