Dhirendra Krishna Shastri Emotional in Meerut: Recalled Struggles and Hardships
आचार्य धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री मेरठ में भावुक: संघर्षों की कहानी सुनाई
AIN NEWS 1: मेरठ में चल रही कथा के चौथे दिन आचार्य धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री भावुक हो गए। उन्होंने अपने जीवन के कठिन समय को याद करते हुए संघर्षों की कहानी साझा की। उन्होंने बताया कि हर सफल व्यक्ति के पीछे कठिनाइयों और असफलताओं की एक लंबी श्रृंखला होती है, जिसे समझना बहुत जरूरी है।
संघर्षों से भरा जीवन
आचार्य धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने बताया कि 18 साल पहले वह घर-घर जाकर भिक्षा मांगते थे। उनके जीवन के आठ वर्ष ऐसे बीते जब उन्हें अपनी रोज़मर्रा की जरूरतें पूरी करने के लिए लोगों के आगे हाथ फैलाने पड़े। आर्थिक तंगी ने उन्हें और उनके परिवार को कई मुश्किलों में डाल दिया। बरसात के मौसम में उनके घर की छत टपकती थी, और पूरे परिवार को एक ही कमरे में गुजारा करना पड़ता था।
त्योहारों पर भी विपत्ति के बादल
उन्होंने दीपावली जैसे बड़े त्योहारों पर भी उनके परिवार को भोजन के लिए संघर्ष करना पड़ा। जब उनकी बहन का विवाह हुआ, तब भी उन्हें बहुत कठिनाइयों का सामना करना पड़ा। शादी के खर्चों के लिए उन्हें 20,000 रुपये उधार लेने पड़े और अपनी एक एकड़ कृषि भूमि गिरवी रखनी पड़ी। यह बताते हुए आचार्य धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री इतने भावुक हो गए कि उन्हें अपने आंसू पोंछने के लिए रूमाल निकालना पड़ा।
अंधेरे से उजाले तक का सफर
आचार्य शास्त्री ने कहा कि उनके जीवन के वे अंधेरे दिन, सूनी गलियां और संघर्षपूर्ण समय उन्हें आज भी नहीं भूले। उन्होंने बताया कि पहले उन्हें सुनने के लिए सरपंच तक इंतजार कराते थे, लेकिन आज लाखों लोग उनकी कथा सुनने श्रद्धाभाव से आते हैं।
सफलता की राह में संघर्ष अनिवार्य
उन्होंने कहा कि जीवन में संघर्षों से घबराने के बजाय उनसे सीख लेना चाहिए। हर मुश्किल हमें कुछ नया सिखाती है और आगे बढ़ने की प्रेरणा देती है। उनका मानना है कि अगर कोई व्यक्ति अपने कठिन समय में धैर्य और आत्मविश्वास बनाए रखता है, तो एक दिन सफलता जरूर मिलती है।
आज आचार्य धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री का जीवन प्रेरणा का स्रोत बन चुका है। उनकी कथा में लाखों लोग आते हैं, जो यह साबित करता है कि सच्ची मेहनत और भक्ति से हर कठिनाई को पार किया जा सकता है।
Acharya Dhirendra Krishna Shastri, a renowned spiritual leader, became emotional while delivering his discourse in Meerut. He recalled his early struggles, including begging for alms, facing financial hardships, and witnessing his family’s suffering. Shastri mentioned how his house had a leaking roof during monsoons and how his family struggled for food during festivals. His journey from extreme difficulties to being a revered Hindu preacher is truly inspiring. Today, millions gather to listen to his sermons, a testament to his resilience and spiritual wisdom.