AIN NEWS 1: बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर, धर्मगुरु धीरेंद्र शास्त्री ने हाल ही में एक विवादास्पद बयान दिया है। उन्होंने मक्का और मदीना में हिंदुओं को प्रवेश न देने के मुद्दे को उठाते हुए कुंभ मेले में मुसलमानों के दुकान लगाने पर सवाल खड़े किए। शास्त्री ने अपने बयान में यह सवाल उठाया कि जब मक्का-मदीना में हिंदुओं को घुसने नहीं दिया जाता है, तो कुंभ मेले में मुसलमानों को दुकान लगाने की अनुमति क्यों दी जाती है।
धीरेंद्र शास्त्री का यह बयान सोशल मीडिया पर काफी चर्चा में आ गया है। उन्होंने मक्का और मदीना में हिंदुओं के प्रवेश पर प्रतिबंध का हवाला देते हुए कहा, “मक्का में हिंदुओं को न तो घुसने की अनुमति है और न ही उन्हें वहां कोई दुकान लगाने की अनुमति मिलती है। यह वहां के धर्म और संस्कृति का हिस्सा है, तो फिर कुंभ मेले में मुसलमानों को दुकान लगाने की अनुमति क्यों दी जाती है?”
इसके बाद शास्त्री ने मक्का में भगवा कपड़े पहनकर प्रवेश की कठिनाई का भी जिक्र किया। उन्होंने कहा, “मक्का में तो अगर आप भगवा कपड़े पहनकर जाएंगे, तो आपको वहां प्रवेश भी नहीं मिलेगा। फिर क्या कारण है कि हम अपनी धार्मिक स्थलों पर किसी अन्य धर्म के अनुयाइयों को दुकान लगाने की अनुमति देते हैं?”
धीरेंद्र शास्त्री का यह बयान धार्मिक स्वतंत्रता और धार्मिक स्थलों के सम्मान से जुड़ी बहस को फिर से ताजे कर देता है। उनका तर्क यह था कि हर धर्म और संस्कृति को अपनी धार्मिक स्थलों की पहचान और नियमों का पालन करने का अधिकार होना चाहिए। हालांकि, इस बयान के बाद कुछ लोगों ने शास्त्री के विचारों पर असहमत भी जताया है। उनका कहना है कि धर्म और संस्कृति के नाम पर कोई भी स्थान या अवसर किसी विशेष धर्म के अनुयायियों के लिए बंद नहीं किया जा सकता, और कुंभ जैसे आयोजन में सभी को सम्मान दिया जाना चाहिए।
यह मुद्दा धार्मिक सहिष्णुता और भारत की बहुधार्मिकता के संदर्भ में एक बड़ा प्रश्न उठाता है। धर्मगुरु के बयान ने समाज में एक नया विमर्श शुरू कर दिया है, जिसमें विभिन्न धर्मों और समुदायों के बीच सहअस्तित्व और आपसी सम्मान पर चर्चा की जा रही है।