बागेश्वर धाम पीठाधीश्वर धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री की सनातन हिंदू एकता पदयात्रा शुरू
AIN NEWS 1: मध्य प्रदेश के छतरपुर में बागेश्वर धाम पीठाधीश्वर धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने अपनी 160 किलोमीटर लंबी “सनातन हिंदू एकता पदयात्रा” का शुभारंभ किया। पदयात्रा की शुरुआत करते हुए उन्होंने एक बड़ा और विवादास्पद बयान दिया।
धीरेंद्र शास्त्री ने कहा कि देशभक्ति को परखने के लिए मंदिरों और मस्जिदों में आरती और इबादत के बाद राष्ट्रगीत गाना अनिवार्य किया जाना चाहिए। उनका मानना है कि ऐसा करने से यह स्पष्ट हो सकेगा कि कौन देशभक्त है और कौन देशद्रोही।
उन्होंने विशेष रूप से जोर देकर कहा कि “मंदिरों में आरती के बाद राष्ट्रगीत होना चाहिए और ऐसा ही मस्जिदों में भी होना चाहिए।” उनके इस बयान ने एक नई बहस को जन्म दे दिया है, जहां धर्म और राष्ट्रवाद को जोड़ने की बात कही गई है।
सनातन हिंदू एकता पदयात्रा का उद्देश्य
धीरेंद्र शास्त्री की इस पदयात्रा का उद्देश्य सनातन धर्म के प्रति जागरूकता बढ़ाना और हिंदू समाज को एकजुट करना बताया जा रहा है। पदयात्रा के दौरान वे अलग-अलग स्थानों पर धार्मिक और सामाजिक सभाओं को संबोधित करेंगे। इसके साथ ही, सनातन परंपराओं और मूल्यों को पुनर्स्थापित करने की दिशा में पहल की जाएगी।
देशभर में मिली-जुली प्रतिक्रियाएं
धीरेंद्र शास्त्री के इस बयान पर राजनीतिक और सामाजिक हलकों में तीखी प्रतिक्रियाएं देखने को मिल रही हैं। जहां कुछ लोग इसे देशभक्ति और राष्ट्र के प्रति सम्मान से जोड़कर देख रहे हैं, वहीं कई इसे धार्मिक स्थानों की स्वतंत्रता में हस्तक्षेप मानते हैं।
धार्मिक और सामाजिक बहस का मुद्दा
इस तरह के बयानों से धर्म और राष्ट्रवाद के बीच की रेखा धुंधली हो जाती है। यह देखना दिलचस्प होगा कि धीरेंद्र शास्त्री का यह सुझाव समाज में कितना प्रभाव डालता है और इस पर सरकार या अन्य धार्मिक संगठनों की क्या प्रतिक्रिया होती है।
धीरेंद्र शास्त्री की पदयात्रा आगामी दिनों में छतरपुर और आसपास के इलाकों में आयोजित होगी, और इसमें बड़ी संख्या में उनके अनुयायियों के शामिल होने की उम्मीद है। उनके इस बयान ने न केवल उनकी पदयात्रा को चर्चा में ला दिया है, बल्कि राष्ट्रीय स्तर पर एक नई बहस छेड़ दी है।