AIN NEWS 1 नई दिल्ली: समाजवादी पार्टी की सांसद यादव ने मंगलवार को भाजपा सरकार पर गंभीर आरोप लगाए। उन्होंने संविधान दिवस के मौके पर कहा कि उत्तर प्रदेश के संभल में हुए घटनाक्रम ने सरकार और भाजपा की नीतियों और इरादों पर बड़ा सवाल खड़ा किया है।
दिंपल यादव ने आरोप लगाया कि चुनाव परिणामों के बाद संभल में प्रशासन ने बूथ कैप्चरिंग जैसी गतिविधियां कीं। उन्होंने कहा, “आज जब हम संविधान दिवस मना रहे हैं, तो हमें यह याद रखना चाहिए कि देश का संचालन संविधान के द्वारा होना चाहिए, न कि किसी राजनीतिक दल के इरादों और नीतियों से।”
सांसद ने आगे कहा, “संभल में चुनाव परिणामों के तुरंत बाद जो घटना हुई, वह बहुत गंभीर है। यह घटना भाजपा और सरकार की नीयत पर संदेह उत्पन्न करती है।” उनका इशारा संभल में हुए विवाद और प्रशासन की भूमिका की ओर था, जहां भाजपा और सपा समर्थकों के बीच तनातनी की खबरें आई थीं।
दिंपल यादव ने भाजपा पर आरोप लगाया कि वे चुनाव परिणामों के बाद प्रशासन का दुरुपयोग कर रही है। उन्होंने संविधान के महत्व को रेखांकित करते हुए कहा कि संविधान के तहत हर नागरिक को समान अधिकार मिलते हैं और इसका उल्लंघन किसी भी रूप में नहीं किया जा सकता।
उन्होंने यह भी कहा कि लोकतंत्र की नींव संविधान पर आधारित है, और इसलिए संविधान दिवस पर हमें इसे और भी मजबूती से पालन करने का संकल्प लेना चाहिए।
दिंपल यादव ने भाजपा की नीतियों और उनके कार्यकलापों पर हमला करते हुए यह भी कहा कि यह सरकार अपने राजनीतिक लाभ के लिए प्रशासनिक तंत्र का इस्तेमाल कर रही है, जो लोकतांत्रिक मूल्यों के खिलाफ है।
सम्भाल में विवाद
संभल में हाल ही में हुए घटनाक्रम ने राजनीतिक हलकों में चर्चा का विषय बना दिया था। चुनाव परिणामों के बाद भाजपा समर्थकों और समाजवादी पार्टी के कार्यकर्ताओं के बीच झड़प की खबरें आई थीं। आरोप है कि प्रशासन ने भाजपा के पक्ष में काम किया और सत्ता को मजबूत करने के लिए असंवैधानिक तरीके अपनाए।
इस पूरी स्थिति पर दिंपल यादव ने कहा कि संविधान के सिद्धांतों के खिलाफ ऐसी घटनाएं केवल लोकतंत्र के लिए खतरनाक होती हैं। उनका मानना है कि इस तरह के घटनाक्रम को रोकने के लिए सभी को संविधान की ताकत को समझना होगा और इसके अनुरूप काम करना होगा।
निष्कर्ष
संविधान दिवस पर दिंपल यादव के बयान ने सरकार की नीतियों और प्रशासन की भूमिका पर सवाल उठाए हैं। समाजवादी पार्टी की सांसद का कहना है कि लोकतंत्र और संविधान की रक्षा करने की जिम्मेदारी सभी की है, और इस दिशा में सरकार को अपने कदमों पर पुनर्विचार करना चाहिए।