Wednesday, January 22, 2025

डॉक्टर रेप-मर्डर केस: हाईकोर्ट सुनवाई करेगा, दोषी को फांसी देने की अपील पर फैसला 27 जनवरी को?

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AIN NEWS 1: पश्चिम बंगाल के आरजी कर मेडिकल कॉलेज में 8-9 अगस्त 2024 की रात एक ट्रेनी डॉक्टर का बलात्कार कर उसकी हत्या कर दी गई। पीड़िता का शव सेमिनार हॉल में मिला था। जांच के दौरान पुलिस ने दोषी संजय रॉय को गिरफ्तार किया। जांच और सबूतों के आधार पर 18 जनवरी 2025 को सियालदह कोर्ट ने उसे दोषी ठहराया और 20 जनवरी को उम्रकैद की सजा सुनाई।

मामले में मुख्य बिंदु

फांसी की मांग: बंगाल सरकार ने हाईकोर्ट में अपील दाखिल कर कहा कि यह “रेयरेस्ट ऑफ रेयर” मामला है और दोषी को फांसी दी जानी चाहिए।

CBI का विरोध: CBI ने कहा कि याचिका दाखिल करने का अधिकार जांच एजेंसी का है, न कि राज्य सरकार का।

पीड़ित परिवार का रुख: पीड़ित परिवार ने कोर्ट में मुआवजा लेने से इंकार कर न्याय की मांग की।

फोरेंसिक रिपोर्ट और सबूत

1. DNA सबूत: पीड़िता और घटनास्थल पर मिले साक्ष्य संजय रॉय के DNA से मेल खाते हैं।

2. CCTV फुटेज: फुटेज में संजय की उपस्थिति की पुष्टि हुई।

3. अन्य सबूत: सेमिनार हॉल से मिले टूटे ब्लूटूथ इयरफोन और खून के निशान भी संजय से जुड़े पाए गए।

सजा और अपील प्रक्रिया

सियालदह कोर्ट ने इसे “रेयरेस्ट ऑफ रेयर” मामला मानने से इंकार कर उम्रकैद की सजा सुनाई।

बंगाल सरकार और पीड़ित परिवार ने हाईकोर्ट में अपील कर मौत की सजा की मांग की है।

CBI ने ट्रायल कोर्ट में भी फांसी की सजा की मांग की थी।

हाईकोर्ट की सुनवाई

27 जनवरी 2025 को कलकत्ता हाईकोर्ट दोषी, पीड़ित परिवार और CBI की दलीलें सुनेगा। जस्टिस देबांगशु बसक और जस्टिस मोहम्मद शब्बार राशिदी की बेंच यह तय करेगी कि फांसी की सजा की मांग पर आगे बढ़ा जाए या नहीं।

दोषी के पक्ष का तर्क

दोषी के वकील ने सुप्रीम कोर्ट की गाइडलाइन का हवाला देते हुए कहा कि सुधार की संभावना को देखते हुए मौत की सजा नहीं दी जानी चाहिए।

कोर्ट ने कहा कि फांसी केवल तभी दी जानी चाहिए जब दोषी के सुधार की कोई संभावना न हो।

मामले की जांच में अन्य मुद्दे

CBI ने चार्जशीट में बताया कि यह गैंगरेप का मामला नहीं था।

मेडिकल कॉलेज के पूर्व प्रिंसिपल और एक अन्य पुलिस अधिकारी को जमानत मिल चुकी है क्योंकि CBI चार्जशीट दाखिल करने में असफल रही।

पीड़ित परिवार की मांग

पीड़ित परिवार ने फैसले को चुनौती देते हुए कहा कि यह “रेयरेस्ट ऑफ रेयर” मामला है और दोषी को फांसी मिलनी चाहिए।

परिवार ने मुआवजा लेने से इंकार कर इसे न्याय की मांग के खिलाफ बताया।

अगले कदम

1. हाईकोर्ट का फैसला आने के बाद सुप्रीम कोर्ट में अपील की जा सकती है।

2. दोषी के पास क्यूरेटिव या मर्सी पिटीशन दाखिल करने का भी विकल्प है।

यह मामला केवल कानूनी नहीं, बल्कि सामाजिक न्याय का भी है। पीड़िता के परिवार और पूरे देश की निगाहें हाईकोर्ट के फैसले पर टिकी हैं। न्याय की मांग और दोषी के सुधार की संभावना के बीच यह मामला भारतीय न्याय व्यवस्था के लिए एक महत्वपूर्ण उदाहरण बन सकता है।

The Calcutta High Court is set to hear the Bengal government’s appeal for the death penalty in the doctor rape-murder case on January 27. Sanjay Roy, the convict, was sentenced to life imprisonment by the Sealdah Court. The case has drawn attention due to conflicting views between the Bengal government and CBI on the right to appeal. Key evidence includes DNA matching, CCTV footage, and forensic findings. The victim’s family demands justice, rejecting compensation, and labeling it as a “rarest of rare” case deserving the death penalty.

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सत्यमेव जयते नानृतं सत्येन पन्था विततो देवयानः।
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