Friday, January 31, 2025

क्या इंसानों के मरने से धरती का बोझ सच में कम होता है? जानिए वैज्ञानिक सच्चाई

- Advertisement -
Ads
- Advertisement -
Ads

AIN NEWS 1  | आज के समय में धरती की कुल आबादी 800 करोड़ से अधिक हो चुकी है और यह आने वाले 20 वर्षों में 900 करोड़ पार कर जाएगी। लेकिन क्या इंसानों की मृत्यु से वास्तव में धरती का भार कम हो जाता है?

धरती का वास्तविक वजन कितना है?

वैज्ञानिकों के अनुसार, धरती का कुल वजन लगभग 5.972 × 10²⁴ किलोग्राम है। इसे 13.1 सेप्टिलियन पाउंड में भी मापा जाता है। हालांकि, यह वजन गुरुत्वाकर्षण के प्रभाव से थोड़ा बढ़ता और घटता रहता है लेकिन इंसानों के मरने या पैदा होने से इस पर कोई महत्वपूर्ण असर नहीं पड़ता।

क्या मौत से धरती का वजन कम होता है?

कई लोग आम बोलचाल में कहते हैं कि “मरने से धरती का बोझ कम होता है”, लेकिन यह सिर्फ एक कहावत है। वैज्ञानिक दृष्टिकोण से धरती पर मौजूद लोगों की संख्या, उसके कुल भार को प्रभावित नहीं करती। धरती का भार मुख्य रूप से उसके गुरुत्वाकर्षण और खगोलीय घटनाओं पर निर्भर करता है।

पिछले 100 वर्षों में आबादी का बढ़ना

माना जाता है कि दस हजार साल पहले धरती पर केवल कुछ लाख लोग थे। अठारहवीं सदी के अंत में यह आबादी 100 करोड़ तक पहुंची। फिर 1920 में 200 करोड़, और आज यह 800 करोड़ से अधिक हो चुकी है। लेकिन इतने बड़े बदलाव के बावजूद भी धरती का कुल भार लगभग स्थिर ही बना हुआ है

निष्कर्ष

तो अगली बार जब कोई कहे कि “मरने से धरती का बोझ कम होता है,” तो समझ लें कि यह सिर्फ एक बोलचाल की बात है, न कि वैज्ञानिक तथ्य। धरती का वजन लोगों की मृत्यु से प्रभावित नहीं होता बल्कि यह प्राकृतिक और खगोलीय घटनाओं के कारण बदलता रहता है।

- Advertisement -
Ads
AIN NEWS 1
AIN NEWS 1https://ainnews1.com
सत्यमेव जयते नानृतं सत्येन पन्था विततो देवयानः।
Ads

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Advertisement
Polls
Trending
Rashifal
Live Cricket Score
Weather Forecast
Latest news
Related news
- Advertisement -
Ads