AIN NEWS 1: भाजपा नेत्री और डासना देवी मंदिर की आस्था रखने वाली डॉ. उदिता त्यागी ने हाल ही में एक महत्वपूर्ण बयान दिया। उन्होंने कहा कि कोई भी व्यक्ति किसी के घर में बिना अनुमति के नहीं घुस सकता। उनके इस बयान का संदर्भ उस स्थिति से है, जब कुछ लोग रात को देवी मंदिर के पास इकट्ठा हुए थे।
डॉ. उदिता ने स्पष्ट किया कि हमारे देश में कानून है, पुलिस है और न्यायालय है। ऐसे में कोई भी व्यक्ति अपनी भ्रामक सोच के तहत किसी के धार्मिक स्थान पर हमला नहीं कर सकता। उन्होंने कहा कि वे सर तन से जुदा करने वालों से डरने वाली नहीं हैं। उनका ये बयान उन तत्वों के खिलाफ है, जो धार्मिक आस्थाओं का अपमान करते हैं।
डॉ. उदिता ने यह भी कहा कि सभी को अपने धार्मिक स्थलों की रक्षा करने का अधिकार है। उनकी यह अपील भी थी कि सभी को आपसी सम्मान और सहिष्णुता के साथ रहना चाहिए। उन्होंने यह चेतावनी भी दी कि यदि कोई व्यक्ति किसी धार्मिक स्थल पर आक्रमण करने की कोशिश करेगा, तो उसका सामना कानून से होगा।
इस बयान के पीछे डॉ. उदिता की चिंता यह है कि धार्मिक स्थलों को लेकर बढ़ती असुरक्षा की भावना समाज में भेदभाव और नफरत का कारण बन रही है। उन्होंने सभी से अपील की कि वे एकजुट होकर ऐसी सोच का मुकाबला करें जो समाज में तनाव पैदा करती है।
डॉ. उदिता का यह बयान उस समय आया है जब देश में धार्मिक स्थलों को लेकर विवाद बढ़ते जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि धर्म के नाम पर किसी को भी हिंसा करने का अधिकार नहीं है और सभी को एक दूसरे के धर्म का सम्मान करना चाहिए।
वे चाहती हैं कि लोग एक दूसरे के विश्वास का सम्मान करें और नफरत से भरी सोच को त्यागें। उन्होंने धार्मिक सहिष्णुता और समरसता का संदेश दिया, जो कि हमारे समाज की मूल भावना है।
सारांश में, डॉ. उदिता त्यागी का बयान समाज में शांति और सौहार्द को बढ़ावा देने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। उनका यह संदेश सभी के लिए प्रेरणादायक है कि हमें अपने धार्मिक स्थलों की सुरक्षा करनी चाहिए और एकजुट होकर किसी भी प्रकार की हिंसा और नफरत का विरोध करना चाहिए।
इस प्रकार, डॉ. उदिता का यह बयान न केवल धार्मिक स्थलों की रक्षा के लिए है, बल्कि समाज में एकता और समरसता की आवश्यकता को भी दर्शाता है।