AIN NEWS 1 | धरती के भीतर छिपे रहस्यों को लेकर वैज्ञानिक लगातार नई खोजें कर रहे हैं। इन रहस्यों में सबसे रोचक और चौंकाने वाली बात है कि पृथ्वी के कोर में अरबों टन सोना और कीमती धातुएं मौजूद हैं, और कुछ मात्रा में ये धरती की सतह तक लावा के माध्यम से लीक होती हैं। जर्मनी की यूनिवर्सिटी ऑफ गॉटिंगेन के वैज्ञानिकों ने हाल ही में इस विषय पर रिसर्च की है, जिसे जानकर आप हैरान रह जाएंगे।
ज्वालामुखी लावा से बाहर आती हैं कीमती धातुएं
वैज्ञानिकों ने हवाई के किलाउथा और लोईही ज्वालामुखी फटने के बाद वहां से बाहर आए लावा का अध्ययन किया। रिसर्च में पता चला कि लावा के साथ पृथ्वी के अंदर मौजूद सोना, रूथेनियम और अन्य कीमती धातुएं सतह तक पहुंचती हैं। हालांकि, सतह तक पहुंचने वाली मात्रा बहुत ही छोटी होती है, लेकिन यह हमें धरती के भीतर छिपी परतों और उसके प्राकृतिक प्रक्रियाओं का पता देती है।
शोधकर्ताओं का कहना है कि ये लीक सूक्ष्म स्तर का होता है, यानी हमें गांठों में सोना नहीं मिलता, बल्कि लावा में बहुत ही छोटे-छोटे अंश पाए जाते हैं।
अरबों टन सोना छिपा है पृथ्वी के कोर में
वैज्ञानिकों के अनुसार, धरती के कोर में लगभग 30 अरब टन सोना मौजूद हो सकता है। इसकी अनुमानित कीमत करीब 2.77 ट्रिलियन यूरो बताई गई है। यह खजाना इतने विशाल पैमाने पर छिपा है कि सतह पर इसका केवल एक अंश ही दिखाई देता है।
मैथियास विलबॉल्ड, जो इस रिसर्च में शामिल हैं, कहते हैं कि,
“हम यहां सोने की गांठों की नहीं बल्कि सूक्ष्म निशानों की बात कर रहे हैं, जो हमें कोर की संरचना को समझने में मदद करते हैं।”
क्या धरती के कोर से सोना निकाला जा सकता है?
अभी की तकनीक इतनी विकसित नहीं है कि वैज्ञानिक सीधे धरती के कोर से सोना या अन्य कीमती धातुएं निकाल सकें। हालांकि, इस अध्ययन से हमें यह समझने में मदद मिलती है कि धरती की परतों में अरबों वर्षों से कौन-कौन सी प्रक्रियाएं चल रही हैं और कैसे ज्वालामुखी के माध्यम से सामग्री सतह तक आती हैं।
वैज्ञानिकों का कहना है कि भविष्य में तकनीक के विकास के साथ, धरती की इन गहरी परतों में मौजूद खनिज और धातुओं की और अधिक जानकारी प्राप्त की जा सकेगी।
कैसे मिला धरती के अंदर सोने होने का सुराग?
शोध के लिए वैज्ञानिकों ने महासागरीय द्वीपों की बेसाल्ट चट्टानों का अध्ययन किया। ये चट्टानें गर्म मैटल प्लूम से बनती हैं, जो पृथ्वी के भीतर से ऊपर उठती हैं। इन चट्टानों में पाया गया कि रूथेनियम (100Ru) का स्तर उच्च है, जो यह साबित करता है कि ये सामग्री सीधे पृथ्वी के कोर से आ रही हैं।
यह शोध इस बात का प्रमाण है कि कोर पूरी तरह पृथ्वी के बाकी हिस्सों से अलग नहीं है, जैसा पहले माना जाता था। सतह तक आने वाली सामग्री बहुत छोटी है (लगभग 0.3% से भी कम), लेकिन यह हमें धरती की संरचना और उसके अंदर की गतिविधियों की झलक देती है।
शोध का महत्व
यह रिसर्च केवल सोने और धातुओं की खोज तक सीमित नहीं है। इसका महत्व इससे कहीं अधिक है:
धरती की संरचना समझना: कोर और मैग्मा के बीच के संबंध और उनकी गतिविधियों को समझना।
भौगोलिक और भौतिक प्रक्रियाएं: अरबों सालों से चल रही ज्वालामुखी प्रक्रियाओं और सामग्री के प्रवाह का अध्ययन।
भविष्य की तकनीक: भविष्य में जब तकनीक उन्नत होगी, तो इन सूक्ष्म लीक से मूल्यवान धातुओं का पता लगाया जा सकेगा।
शैक्षणिक और वैज्ञानिक अनुसंधान: नई खोजें हमें पृथ्वी के विकास और उसके अंदर की प्राकृतिक प्रक्रियाओं को समझने में मदद करती हैं।
धरती का अद्भुत खजाना
धरती के कोर में मौजूद 30 अरब टन सोना की कल्पना ही हमें इसकी विशालता का एहसास कराती है। इस खजाने की सतह तक पहुँच केवल सूक्ष्म मात्रा में होती है, लेकिन यह वैज्ञानिकों को धरती के अंदर की जटिल और रहस्यमयी प्रक्रियाओं को समझने में मदद करता है।
रिसर्च के अनुसार, हर ज्वालामुखी फटने के दौरान लावा के माध्यम से छोटे स्तर पर सोना और धातुएं सतह तक आती हैं। यह प्रक्रिया अरबों सालों से चल रही है और लगातार हमारी समझ को बढ़ा रही है।
पृथ्वी के अंदर अरबों टन सोना और अन्य कीमती धातुएं मौजूद हैं।
ज्वालामुखी लावा के माध्यम से ये धरती की सतह तक सूक्ष्म स्तर पर लीक होती हैं।
मौजूदा तकनीक से सीधे कोर से सोना निकालना संभव नहीं है।
यह शोध धरती की संरचना, प्राकृतिक प्रक्रियाओं और भविष्य की संभावनाओं को समझने में अहम योगदान देता है।
यह खोज हमें यह एहसास कराती है कि पृथ्वी के अंदर छिपे खजानों और प्रक्रियाओं का अध्ययन करने से न केवल वैज्ञानिक ज्ञान बढ़ता है बल्कि भविष्य में इन संसाधनों के उपयोग के नए मार्ग भी खुल सकते हैं।