Ek Ped Maa Ke Naam Campaign: UP Government Plans 50 Crore Plantation & New Religious Tourism Schemes
‘एक पेड़ मां के नाम’ अभियान के साथ वृक्षारोपण और धार्मिक यात्राओं को बढ़ावा देंगे मुख्यमंत्री योगी
AIN NEWS 1 : उत्तर प्रदेश में एक ऐतिहासिक पहल की शुरुआत होने जा रही है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में “एक पेड़ मां के नाम” महाअभियान के तहत वृहद स्तर पर वृक्षारोपण कार्यक्रम शुरू किया जा रहा है। इस अभियान के अंतर्गत पूरे प्रदेश में 50 करोड़ पौधे लगाए जाएंगे। यह कार्यक्रम पर्यावरण संरक्षण और मातृभूमि के प्रति श्रद्धा का एक जीवंत उदाहरण होगा।
“एक पेड़ मां के नाम” अभियान: प्रकृति और मातृभूमि को समर्पित
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रदेशवासियों से आह्वान किया है कि आगामी 9 जुलाई को हर व्यक्ति कम से कम एक पेड़ अपनी मां के नाम पर अवश्य लगाए। इसके लिए सोशल मीडिया पर #EkPedMaaKeNaam का हैशटैग भी तेजी से लोकप्रिय हो रहा है।
इस अभियान का मकसद न केवल पर्यावरण संरक्षण करना है, बल्कि समाज को यह भी संदेश देना है कि जैसे हम अपनी मां से प्रेम करते हैं, वैसे ही हमें प्रकृति से भी जुड़ाव रखना चाहिए। पेड़ लगाना सिर्फ एक जिम्मेदारी नहीं, बल्कि अपने भविष्य को सुरक्षित रखने की दिशा में उठाया गया एक संवेदनशील कदम है।
आस्था के साथ यात्रा: बौद्ध और सिख तीर्थयात्रियों को नई योजनाओं का तोहफा
लखनऊ में अपने सरकारी आवास पर आयोजित धर्मार्थ कार्य विभाग की उच्च स्तरीय बैठक में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने दो नई तीर्थयात्रा योजनाओं की घोषणा की, जो बौद्ध और सिख समुदायों के श्रद्धालुओं के लिए बेहद महत्वपूर्ण हैं।
1. बौद्ध तीर्थ दर्शन योजना
मुख्यमंत्री ने निर्देश दिया कि बौद्ध धर्म के अनुयायियों के लिए विशेष ‘बौद्ध तीर्थ दर्शन योजना’ शुरू की जाए। इसके अंतर्गत श्रद्धालुओं को भारत के प्रमुख बौद्ध स्थलों की यात्रा के लिए राज्य सरकार द्वारा आर्थिक सहायता प्रदान की जाएगी। ये स्थल जैसे – कुशीनगर, श्रावस्ती, लुम्बिनी (नेपाल में), सारनाथ और बोधगया आदि।
2. पंच तख्त यात्रा योजना
सिख श्रद्धालुओं की धार्मिक भावनाओं को ध्यान में रखते हुए ‘पंच तख्त यात्रा योजना’ का भी ऐलान किया गया है। इस योजना के माध्यम से सिख भाई-बहनों को उनके पांच प्रमुख तख्तों की यात्रा (अमृतसर, पटना साहिब, हजूर साहिब, दमदमा साहिब, आनंदपुर साहिब) कराने हेतु सहायता दी जाएगी।
तीर्थयात्रा: केवल भक्ति नहीं, सांस्कृतिक और सामाजिक जुड़ाव भी
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि भारत की संस्कृति में तीर्थयात्रा सिर्फ धार्मिक अनुष्ठान नहीं होती, बल्कि यह आत्मिक उत्थान, सामाजिक समरसता और भारतीय मूल्यों के प्रचार का भी एक माध्यम होती है।
उन्होंने कहा कि सरकार का यह दायित्व बनता है कि वह नागरिकों को उनकी आस्था के अनुरूप सुविधाएं उपलब्ध कराए। चाहे वह धार्मिक स्थल तक पहुँचने का साधन हो या यात्रा की व्यवस्था — राज्य सरकार हर पहलू पर विचार कर रही है।
वृक्ष और धर्म: उत्तर प्रदेश की नई पहचान
इस तरह, एक ओर जहां पर्यावरण को संजीवनी देने के लिए “एक पेड़ मां के नाम” जैसा बड़ा अभियान चलाया जा रहा है, वहीं दूसरी ओर प्रदेशवासियों को उनकी आस्था से जोड़ने के लिए तीर्थयात्रा योजनाएं लाई जा रही हैं। यह समग्र सोच दर्शाती है कि उत्तर प्रदेश केवल आर्थिक या भौतिक विकास तक सीमित नहीं है, बल्कि यह सांस्कृतिक पुनरुत्थान और प्राकृतिक संवर्धन की दिशा में भी अग्रसर है।
लोगों से अपील: चलिए अभियान से जुड़ें
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सभी नागरिकों से अपील की है कि वे 9 जुलाई को एक पेड़ अपनी मां के नाम पर अवश्य लगाएं। साथ ही अपने आस-पास के लोगों को भी इसके लिए प्रेरित करें। यह एक व्यक्तिगत जिम्मेदारी है, लेकिन इसका प्रभाव सामाजिक और वैश्विक दोनों स्तरों पर पड़ेगा।
“एक पेड़ मां के नाम” अभियान और धार्मिक यात्राओं से जुड़ी नई योजनाएं उत्तर प्रदेश को एक नई पहचान देने वाली हैं। ये पहलें न केवल पर्यावरण को संजीवनी देंगी, बल्कि लोगों को अपनी जड़ों से भी जोड़ेंगी। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की यह दूरदर्शी सोच प्रदेश को एक नई दिशा में ले जा रही है, जहां धर्म, प्रकृति और नागरिकों की भागीदारी का समन्वय देखने को मिल रहा है।
Uttar Pradesh CM Yogi Adityanath has announced a mega campaign called “Ek Ped Maa Ke Naam” under which 50 crore trees will be planted across the state on July 9. This initiative aims to honor motherhood and promote environmental sustainability. In addition, the UP government has introduced two new religious tourism schemes – the Bodh Teerth Darshan Yojana for Buddhist pilgrims and the Panch Takht Yatra for Sikh devotees, offering financial aid to support spiritual journeys. These progressive steps enhance UP’s position as a culturally inclusive and eco-conscious state.