यूपी में सस्ती हो सकती है बिजली, ईंधन अधिभार शुल्क घटाने की तैयारी. कॉरपोरेशन ने भेजा प्रस्ताव।

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बता दे कि यूपी के बिजली उपभोक्ताओं के लिए राहतभरी खबर सामने आ रही है। ईंधन अधिभार शुल्क कम होगा। इसके लिए पावर कॉरपोरेशन ने नियामक आयोग में प्रथम तिमाही का प्रस्ताव दाखिल कर दिया है। इसमें 18 से 69 पैसे प्रति यूनिट कमी करने का प्रस्ताव दिया गया है। इससे बिना मीटर वालों को हर माह करीब 50.90 रुपया प्रति यूनिट फायदा मिलेगा। आपको बता साल 2023-24 में पावर कॉरपोरेशन ने 30108 मिलियन यूनिट बिजली बेचने की दर से टैरिफ प्लान तय किया था, लेकिन 29858 मिलियन यूनिट ही बिजली दी गई। आकलन के दौरान लाइन लॉस आदि कम करने पर उपभोक्ताओं पर 26420 मिलियन यूनिट बिजली खर्च हुई। ऐसे में पावर कॉरपोरेशन ने साल 2023-24 प्रथम तिमाही को लेकर विद्युत नियामक आयोग में प्रस्ताव दाखिल किया है।

जानकारी के अनुसार आपको बता दे कि पावर कारपोरेशन के इस निर्णय से 18 पैसे प्रति यूनिट से लेकर 69 पैसे प्रति यूनिट तक बिजली बिल में कमी आएगी। पावर कारपोरेशन द्वारा दाखिल प्रस्ताव के अनुसार घरेलू बीपीएल के ईधन अधिभार में 18 पैसे प्रति यूनिट, घरेलू सामान्य में 26 से 34 पैसे प्रति यूनिट, कामर्शियल में 34 से 48 पैसे प्रति यूनिट, किसान के लिए 13 से 30 पैसे प्रति यूनिट, नान इंडस्ट्रीयल बल्कलोड पर 46 से 69 पैसे प्रति यूनिट, भारी उद्योग में 33 से 38 पैसे प्रति यूनिट की कमी की जाएगी।वहीं ग्रामीण घरेलू आनमीटर्ड जिनसे अभी रुपया 500 प्रति किलो वाट प्रति माह लिया जाता है। उनकी बिजली दरों में प्रति माह 50 रुपया 90 पैसा प्रति किलो वाट प्रति माह का फायदा होगा वहीं किसानों को 48 रुपया 43पैसा प्रति हॉर्स पावर का फायदा होगा।

लगातार विरोध करने के बाद घटा अधिभार शुल्क

इसके पहले जुलाई 2023 में 61 पैसा प्रति यूनिट के हिसाब से ईंधन अधिभार का प्रस्ताव दिया गया था, जिसका उपभोक्ता परिषद ने विरोध किया। आपत्तियां दाखिल की, जिसके बाद पावर कॉरपोरेशन पीछे हट गया। अब जारी प्रस्ताव में ईंधन अधिकार शुल्क के एवज में 35 पैसे प्रति यूनिट कमी के लिए अलग-अलग श्रेणी वार प्रस्ताव दाखिल किया गया है। परिषद के अध्यक्ष अवधेश कुमार वर्मा ने बुधवार को नियामक आयोग के अध्यक्ष अरविंद कुमार व सदस्य संजय कुमार सिंह से मुलाकात की। घटाए गए दर पर दिए गए प्रस्ताव को स्वीकार करने की मांग की ताकि उपभोक्ताओं को अगले तीन माह तक फायदा मिल सके। वर्मा ने बताया कि विद्युत उपभोक्ताओं का बिजली निगमों पर पहले से ही करीब 33122 करोड़ रुपया बकाया चल रहा है। ऐसे में ईंधन अधिभार शुल्क व अन्य शुल्क किसी भी कीमत पर नहीं बढ़ाई जानी चाहिए।

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