AIN NEWS 1 भुवनेश्वर: ओडिशा और छत्तीसगढ़ की सीमा पर माओवादियों की घुसपैठ रोकने के लिए सुरक्षा बल लगातार सतर्क हैं। इसी क्रम में, मलकानगिरी जिले में सुरक्षा बलों और माओवादियों के बीच मुठभेड़ हुई। ओडिशा के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) योगेश बहादुर खुरानिया ने इस घटना और राज्य की सुरक्षा रणनीति पर जानकारी दी।
डीजीपी खुरानिया ने कहा, “छत्तीसगढ़ में चल रहे ऑपरेशनों के कारण, हमें जानकारी मिली थी कि वहां के नक्सली ओडिशा में घुसपैठ करने की कोशिश कर सकते हैं। ऐसी गतिविधियों को रोकने के लिए, हमने सीमावर्ती इलाकों पर नजर रखने के साथ ही हमारी खुफिया जानकारी साझा करने की प्रक्रिया को मजबूत किया है। हम पड़ोसी राज्य छत्तीसगढ़ की पुलिस और अन्य एजेंसियों के साथ भी संपर्क में हैं।”
सुरक्षा बलों की तैयारी और मुठभेड़ की घटना
डीजीपी ने बताया कि मलकानगिरी जिले में छत्तीसगढ़ के सुकमा क्षेत्र से संभावित घुसपैठ की सूचना मिली थी। इस पर कार्रवाई करते हुए इलाके को निगरानी में लिया गया और ऑपरेशन शुरू किया गया। उन्होंने कहा, “पिछली रात जब घुसपैठ की कोशिश की गई, तब सुरक्षा बलों और माओवादियों के बीच गोलीबारी हुई। इस मुठभेड़ में हमारा एक डीवीएफ (डिस्ट्रिक्ट वॉलंटरी फोर्स) कमांडो घायल हो गया है, जिसे गोली लगी है।”
मुठभेड़ में एक नक्सली मारा गया
डीजीपी ने बताया कि मुठभेड़ के बाद इलाके की तलाशी ली गई, जिसमें एक माओवादी का शव बरामद हुआ। साथ ही, घटनास्थल से एक .303 राइफल, एक देसी हथियार और अन्य नक्सली सामग्री बरामद की गई है। “हम मृतक की पहचान करने की प्रक्रिया में हैं। ऑपरेशन अभी भी जारी है और कई इलाकों में सुरक्षा बल सक्रिय हैं,” उन्होंने कहा।
सुरक्षा बल सतर्क, सीमाओं पर कड़ी निगरानी
ओडिशा पुलिस का कहना है कि सीमावर्ती क्षेत्रों पर चौकसी बढ़ा दी गई है। किसी भी संदिग्ध गतिविधि पर तुरंत कार्रवाई की जाएगी। डीजीपी ने इस बात पर जोर दिया कि राज्य में माओवादियों की घुसपैठ रोकने और सुरक्षा व्यवस्था बनाए रखने के लिए सभी आवश्यक कदम उठाए जा रहे हैं।
यह मुठभेड़ ओडिशा की सीमावर्ती सुरक्षा रणनीति और राज्य के माओवादी विरोधी अभियान की गंभीरता को दर्शाती है। पुलिस और अन्य सुरक्षा एजेंसियां इस मुद्दे पर आपसी सहयोग से काम कर रही हैं।