34 वर्षीय इंजीनियर अतुल सुभाष की आत्महत्या के मामले में एक नया मोड़ आया है। आत्महत्या से पहले गूगल ड्राइव पर अपलोड किए गए उनके सुसाइड नोट और ‘To Milords’ नामक पत्र सहित कई फाइलें रहस्यमय तरीके से गायब हो गई हैं। इन फाइलों में अतुल ने अपनी पत्नी निकिता और उसके परिवार पर उत्पीड़न के आरोप लगाए थे।
हालांकि, ड्राइव में मौजूद ‘Death Knows No Fear’ नामक कविता, राष्ट्रपति को संबोधित चिट्ठी, और अन्य फाइलें अब भी उपलब्ध हैं। गायब फाइलों को लेकर सोशल मीडिया पर जांच में गड़बड़ी और लीपापोती के आरोप लगाए जा रहे हैं।
पुलिस और गूगल की चुप्पी पर सवाल
सोशल मीडिया पर कई यूजर्स का दावा है कि गूगल की मदद से फाइलें हटाई गई हैं। अभी तक कानून प्रवर्तन एजेंसियों या गूगल की ओर से कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है।
अतुल का शव 9 दिसंबर को उनके बेंगलुरु स्थित घर से बरामद हुआ था। उनके पास एक लंबा नोट मिला था, जिसमें “न्याय का हक” लिखा था। आत्महत्या से पहले अतुल ने गूगल ड्राइव पर फाइलें साझा की थीं और 80 मिनट का एक वीडियो भी रिकॉर्ड किया था, जिसमें उन्होंने अपने कानूनी संघर्ष और उत्पीड़न की बात कही थी।
पत्नी और ससुराल वालों पर आरोप
अतुल ने अपनी पत्नी निकिता, सास निशा सिंघानिया, साले अनुराग सिंघानिया, और चाचा सुशील सिंघानिया पर उत्पीड़न और झूठे आरोपों में फंसाने का आरोप लगाया था। उन्होंने दावा किया था कि निकिता ने ₹3 करोड़ की मांग की थी और उनके बेटे को हथियार बनाकर उन्हें धमकाया था।
गिरफ्तारी और न्यायिक हिरासत
अतुल के भाई बिकास कुमार ने आत्महत्या के लिए उकसाने का मामला दर्ज कराया है। निकिता, निशा, और अनुराग को गिरफ्तार कर लिया गया है, जबकि चाचा सुशील अभी फरार हैं। आरोपियों को कोर्ट में पेश कर दो सप्ताह की न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है।
परिवार की मांग: बेटे का क्या होगा?
अतुल के परिवार ने अब सवाल उठाया है कि उनके चार वर्षीय बेटे का भविष्य क्या होगा और उसे उनके सुपुर्द किया जाए। इस मामले ने समाज, पुलिस, और न्याय व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।
क्या गूगल ड्राइव से फाइलों का गायब होना महज इत्तेफाक है, या इसके पीछे कोई साजिश है? – ये सवाल अब जवाब मांग रहे हैं।