25-26 मार्च को EPFO की CBT की बैठक
2022-23 के लिए ब्याज दरों पर होगा फैसला
8% से ज्यादा ब्याज दर रहने का अनुमान
AIN NEWS 1: कर्मचारी भविष्य निधि संगठन यानी EPFO के 6 करोड़ से ज्यादा सदस्यों को जल्द ही 2022-23 का इंटरेस्ट रेट जानने का मौका मिल सकता है। EPFO के सेंट्रल बोर्ड ऑफ ट्रस्टी यानी CBT की 25 और 26 मार्च को बैठक होगी। इस बैठक में मौजूदा कारोबारी साल के लिए ब्याज दरों पर फैसला किया जाएगा। ब्याज दरों को तय करने के लिए CBT की ये बैठक हर साल मार्च में होती है माना जा रहा है कि इस बार की बैठक में CBT ब्याज दरों को 8 फीसदी के ऊपर बरकरार रखेगा। पिछले साल बोर्ड ने पीएफ पर 8.1 फीसदी ब्याज देने की सिफारिश की थी। पिछले साल का 8.1 परसेंट ब्याज 40 साल में सबसे कम था। इसके पहले पीएफ पर साढ़े 8 फीसदी की दर से ब्याज मिल रहा था। इसे घटाकर 8.1 परसेंट किया गया जो 1977-78 के 8 फीसदी के बाद सबसे कम ब्याज दर थी। 2021-22 से पहले 40 साल तक ये हमेशा सवा आठ फीसदी से ज्यादा रही।
25-26 मार्च को EPFO की CBT की बैठक
EPFO अपने सदस्यों के पैसों को अलग अलग जगहों पर निवेश करता है। इसपर मिलने वाले रिटर्न से ही सदस्यों को ब्याज दिया जाता है। ऐसे में इस बार क्या ब्याज दरें रहने वाली हैं ये जानना बेहद दिलचस्प है। माना जा रहा है कि इस बार EPFO ब्याज दरों को पिछले साल के ही स्तर पर बनाए रख सकता है। इसकी सबसे बड़ी वजह है कि इक्विटी और डेट से अच्छा रिटर्न मिला है। इसके साथ ही अगले साल लोकसभा चुनाव होने हैं जिसके मद्देनजर भी लोकप्रिय फैसला लिए जाने की ज्यादा संभावना है।
2022-23 के लिए ब्याज दरों पर होगा फैसला
हालांकि पिछले साल ईपीएफओ की अच्छी कमाई के बावजूद अभी तक 2021-22 का ब्याज लोगों के ईपीएफ अकाउंट में नहीं आया है। इस पर ईपीएफओ का कहना है कि पीएफ पर मिलने वाले ब्याज के भुगतान की प्रक्रिया फिलहाल चल रही है और जल्दी ही पीएफ मेंबर्स के अकाउंट में ब्याज के पैसे भेज दिए जाएंगे। सरकार ने पिछले साल अक्टूबर में कहा था कि मेंबर्स के पीएफ अकाउंट में ब्याज डाला जा रहा है लेकिन वो स्टेटमेंट्स में नहीं दिख रहा है। इसकी वजह पिछले साल टैक्स नियमों में बदलाव किया गया था और ईपीएफओ अपने सॉफ्टवेयर को इसके मुताबिक अपग्रेड कर रहा है। इस वजह से EPFO सब्सक्राइबर्स को स्टेटमेंट्स में इंटरेस्ट नहीं दिख रहा है।
8% से ज्यादा ब्याज दर रहने का अनुमान
हालांकि इससे उनका कोई नुकसान नहीं होने का दावा किया जा रहा है क्योंकि जो लोग सेटलमेंट कर रहे हैं या पैसा निकाल रहे हैं उन्हें ब्याज के साथ पैसा दिया जा रहा है।