AIN NEWS 1 | भारत और अमेरिका के रिश्तों में पिछले कुछ समय से टैरिफ विवाद को लेकर तनाव बना हुआ है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारत पर 50% तक का भारी टैरिफ लगाया है, जिससे दोनों देशों के बीच व्यापारिक रिश्तों में खटास आई है। हालांकि ट्रंप ने हाल ही में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को जन्मदिन की शुभकामनाएं दीं, लेकिन इसी बीच उन्हें एक बड़ा झटका लगा है।
दरअसल, यूरोपीय संघ (EU) ने घोषणा की है कि वह इस साल के अंत तक भारत के साथ फ्री ट्रेड एग्रीमेंट (FTA) को अंतिम रूप दे देगा। इसका मतलब है कि भारत और यूरोप के बीच बिना टैरिफ के व्यापार का रास्ता खुल जाएगा।
यूरोपीय संघ का नया रणनीतिक एजेंडा
यूरोपीय संघ ने बुधवार (17 सितंबर) को भारत के साथ रिश्तों को और मजबूत करने के लिए एक नया रणनीतिक एजेंडा पेश किया। इसमें रक्षा, व्यापार और ऊर्जा जैसे अहम क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाने की बात कही गई है।
EU का मानना है कि बदलती भू-राजनीतिक परिस्थितियों में भारत के साथ साझेदारी पहले से कहीं ज्यादा महत्वपूर्ण हो गई है। इस साझेदारी से न सिर्फ आर्थिक विकास को बल मिलेगा बल्कि सुरक्षा और स्थिरता को भी मजबूती मिलेगी।
यूरोपीय आयोग की अध्यक्ष का बयान
यूरोपीय आयोग की अध्यक्ष उर्सुला वॉन डेर लेयेन ने कहा:
“अब समय आ गया है कि भरोसेमंद साझेदारों पर ध्यान केंद्रित किया जाए। साझा हितों और समान मूल्यों पर आधारित संबंधों को और मजबूत किया जाए। हमारी नई EU-India रणनीति के साथ हम अपने रिश्तों को अगले स्तर पर ले जा रहे हैं।”
उनका यह बयान इस बात का साफ संकेत है कि यूरोपीय संघ भारत को अपने लिए एक लंबे समय का भरोसेमंद पार्टनर मानता है।
फ्री ट्रेड एग्रीमेंट पर क्या कहा गया?
उर्सुला वॉन डेर लेयेन ने फ्री ट्रेड एग्रीमेंट (FTA) को लेकर भी बड़ा ऐलान किया। उन्होंने कहा कि नया एजेंडा तीन प्रमुख बिंदुओं पर केंद्रित होगा:
व्यापार, निवेश और प्रतिभा गतिशीलता को बढ़ावा देना
संयुक्त आर्थिक सुरक्षा को मजबूत करना
रक्षा और औद्योगिक सहयोग को गहरा करना
पीटीआई की रिपोर्ट के अनुसार, उन्होंने कहा:
“यूरोप पहले से ही भारत का सबसे बड़ा व्यापारिक साझेदार है और हम इस साल के अंत तक फ्री ट्रेड एग्रीमेंट को अंतिम रूप देने के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध हैं। यूरोप व्यापार के लिए खुला है और हम भारत के साथ अपने साझा भविष्य में निवेश करने को तैयार हैं।”
27 सदस्य देशों के सामने पेश होगा एजेंडा
यूरोपीय संघ का यह नया रणनीतिक एजेंडा उसके सभी 27 सदस्य देशों के सामने पेश किया जाएगा। इसके बाद इसे अगले साल होने वाले भारत-यूरोपियन यूनियन शिखर सम्मेलन में औपचारिक रूप से अपनाया जाएगा।
पांच अहम क्षेत्रों पर फोकस
इस रणनीतिक एजेंडे में भारत और यूरोप के बीच साझेदारी को गहरा करने के लिए पांच बड़े क्षेत्रों को प्राथमिकता दी गई है:
सुरक्षा और रक्षा सहयोग
कनेक्टिविटी और वैश्विक मुद्दे
आर्थिक समृद्धि और निवेश
स्थिरता और ऊर्जा सहयोग
प्रौद्योगिकी और नवाचार
ये सभी क्षेत्र भारत और यूरोप दोनों के लिए भविष्य की चुनौतियों से निपटने और एक मजबूत साझेदारी बनाने में अहम भूमिका निभाएंगे।
ट्रंप और अमेरिका पर असर
भारत और यूरोप के बीच फ्री ट्रेड एग्रीमेंट का मतलब होगा कि दोनों देशों के बीच कारोबार बिना टैरिफ के और ज्यादा सहज हो जाएगा। इससे भारत को सीधा फायदा मिलेगा और यूरोप में उसका मार्केट और मजबूत होगा। वहीं, अमेरिका के साथ बढ़ते टैरिफ विवाद के बीच यह कदम ट्रंप के लिए एक कूटनीतिक और आर्थिक झटका साबित हो सकता है।
भारत और यूरोपीय संघ के बीच प्रस्तावित फ्री ट्रेड एग्रीमेंट न सिर्फ आर्थिक रिश्तों को नई दिशा देगा, बल्कि वैश्विक स्तर पर भारत की स्थिति भी मजबूत करेगा। यह सौदा भारत के लिए नए अवसर खोलेगा और अमेरिका को यह संदेश देगा कि भारत के पास केवल एक नहीं बल्कि कई बड़े और भरोसेमंद साझेदार हैं।