AIN NEWS 1 सहारनपुर: खाद्य सुरक्षा विभाग ने सहारनपुर के गंगोह क्षेत्र के गांव बल्ला माजरा में एक घर में चल रही नकली देशी घी की फैक्ट्री का भंडाफोड़ किया है। छापेमारी में 62 किलो नकली घी, इसके निर्माण में प्रयुक्त सामग्री और उपकरण बरामद किए गए हैं। इस मामले में दो आरोपितों को गिरफ्तार किया गया है।
छापेमारी की जानकारी
यह छापेमारी सहायक आयुक्त खाद्य पवन चौधरी के नेतृत्व में की गई। अधिकारियों को सूचना मिली थी कि गांव में एक घर में नकली देशी घी बनाया जा रहा है। जब टीम ने छापेमारी की, तो वहां नकली घी तैयार किया जा रहा था।
बरामदगी
छापेमारी के दौरान 62 किलो नकली घी, रिफाइंड, वनस्पति घी और दूध पाउडर जैसी सामग्री बरामद की गई। इन सामग्रियों का उपयोग कर नकली घी तैयार किया जा रहा था। यह घी आसपास के गांवों और कस्बों में सप्लाई किया जा रहा था, जो स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है।
गिरफ्तारियां
इस मामले में आरोपितों की पहचान आकिब और राकिब के रूप में हुई है। दोनों को गिरफ्तार कर गंगोह थाने में उनके खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है। खाद्य सुरक्षा विभाग की टीम में खाद्य सुरक्षा अधिकारी जवाहर लाल और सुमनपाल भी शामिल थे।
चिकित्सक के बेटे से लाखों की ठगी
सहारनपुर में एक और घटना में, एक चिकित्सक के बेटे से लाखों रुपये ठगने का मामला सामने आया है। हकीकत नगर निवासी डॉ. अंजू सहगल ने अपनी तहरीर में बताया कि उनके पूर्व ड्राइवर अजय कुमार ने उनके घर से जरूरी कागजात, जेवरात और सामान चुरा लिया।
ठगी की प्रक्रिया
डॉक्टर की पत्नी के अनुसार, अजय ने उनके बेटे को बहला-फुसलाकर अपने बेटों से दोस्ती करवाई और उसे ब्लैकमेल कर पैसे मांगने लगा। जब डॉ. सहगल ने अपने बेटे से पूछताछ की, तो उसे अजय का नाम बताया। अजय ने उनके बेटे से तीन कार, सोने के आभूषण और तीन मोबाइल सहित करीब 10 लाख रुपये की ठगी की है।
पुलिस कार्रवाई
इस मामले की जांच शुरू की गई है और पुलिस ने आरोपित के खिलाफ कार्रवाई की है।
इन दोनों मामलों से स्पष्ट होता है कि सहारनपुर में खाद्य सुरक्षा और व्यक्तिगत सुरक्षा दोनों ही गंभीर खतरे में हैं। अधिकारियों की तत्परता से नकली घी बनाने वालों को पकड़ा गया है, लेकिन ठगी के मामलों में भी सख्त कार्रवाई की जरूरत है।
निष्कर्ष
इस घटना ने यह साबित कर दिया है कि समाज में सुरक्षा और स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं बढ़ रही हैं। खाद्य सुरक्षा विभाग की छापेमारी और पुलिस की जांच कार्रवाई से उम्मीद की जाती है कि ऐसे अपराधों पर नियंत्रण पाया जा सकेगा। स्थानीय निवासियों को भी इस तरह की गतिविधियों के प्रति सतर्क रहना चाहिए और संदिग्ध मामलों की जानकारी तुरंत संबंधित अधिकारियों को देनी चाहिए।