AIN NEWS 1: दिल्ली की ओर बढ़ रहे किसानों को शंभू बॉर्डर पर पुलिस ने रोक लिया। किसान संगठन अपनी विभिन्न मांगों को लेकर दिल्ली की तरफ मार्च कर रहे थे, लेकिन उन्हें बॉर्डर पर ही रोक दिया गया। पुलिस ने किसानों से शांति बनाए रखने और प्रदर्शन के दौरान किसी भी प्रकार की अप्रिय स्थिति से बचने की अपील की।
किसान संगठन इस समय कई मुद्दों को लेकर आंदोलन कर रहे हैं। इनमें फसल की उचित कीमत, किसानों के लिए बेहतर सुरक्षा और सरकार द्वारा किसानों के हित में उठाए गए कदमों पर सवाल उठाना शामिल है। प्रदर्शनकारी किसान केंद्र सरकार से इन मुद्दों को शीघ्र हल करने की मांग कर रहे हैं।
शंभू बॉर्डर पर किसानों का काफिला बढ़ता जा रहा था, जब पुलिस ने उन्हें रोकने के लिए बैरिकेड्स लगाकर रास्ता बंद कर दिया। किसान नेता और प्रदर्शनकारी अपने हक की आवाज उठाने के लिए एकजुट हुए हैं। उनका कहना है कि जब तक उनकी मांगें पूरी नहीं होतीं, उनका संघर्ष जारी रहेगा।
किसान संगठनों ने आरोप लगाया है कि सरकार ने उनके साथ किए गए वादों को पूरा नहीं किया है और उन्हें धोखा दिया है। प्रदर्शन में शामिल किसानों का कहना है कि वे केंद्र सरकार से सख्त कदम उठाने की मांग कर रहे हैं।
पुलिस द्वारा की गई रोक-टोक के बावजूद किसान दिल्ली की ओर बढ़ने के लिए तैयार दिखे। हालांकि, पुलिस ने शांति बनाए रखने और कानून व्यवस्था को बनाए रखने के लिए सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी है।
दिल्ली पुलिस का कहना है कि यदि किसानों की तरफ से किसी भी तरह की अनियमितता होती है तो सख्त कार्रवाई की जाएगी। साथ ही, प्रशासन ने किसानों से अपील की है कि वे अपना प्रदर्शन शांति से करें और किसी भी प्रकार की हिंसा से बचें।
किसानों का कहना है कि जब तक उनकी सभी मांगों को पूरा नहीं किया जाएगा, वे अपने आंदोलन को जारी रखेंगे। उनकी मांगों में किसानों के लिए एक मजबूत न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP), फसल बीमा और किसानों के लिए बेहतर कर्ज सुविधाएं शामिल हैं।
प्रदर्शनकारी किसानों का यह आंदोलन सरकार के लिए एक चुनौती बना हुआ है, और यह आगे आने वाले दिनों में और भी बड़ा हो सकता है।
मुख्य मांगें:
1. फसल का उचित मूल्य
2. किसानों के लिए बेहतर सुरक्षा और बीमा
3. सरकार द्वारा किए गए वादों को पूरा करना
4. किसानों को कर्ज में राहत
इस आंदोलन से जुड़े किसानों का कहना है कि उनकी आवाज तब तक उठती रहेगी जब तक उनकी सभी मांगें पूरी नहीं हो जातीं।
सरकार और किसानों के बीच वार्ता की उम्मीदें बनी हुई हैं, लेकिन फिलहाल स्थिति तनावपूर्ण बनी हुई है।