AIN NEWS 1: फर्रुखाबाद से भाजपा सांसद मुकेश राजपूत संसद के शीतकालीन सत्र के दौरान घायल हो गए। गुरुवार को संविधान और डॉ. अंबेडकर के मुद्दे पर बहस के बीच संसद में धक्का-मुक्की हुई, जिससे सांसद असंतुलित होकर गिर गए और बेहोश हो गए। उन्हें तुरंत राम मनोहर लोहिया अस्पताल (आरएमएल) ले जाया गया, जहां उनकी हालत स्थिर बताई जा रही है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने फोन पर उनका हालचाल लिया।
कैसे हुई घटना?
संसद में बहस के दौरान भाजपा और कांग्रेस सांसदों के बीच तीखी नोकझोंक चल रही थी। इस बीच धक्का-मुक्की होने से मुकेश राजपूत गिर गए। भाजपा सांसदों का आरोप है कि कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने उन्हें धक्का दिया। इस घटना के तुरंत बाद सांसद को अस्पताल ले जाया गया। उनका अल्ट्रासाउंड और सीटी स्कैन किया गया है।
पीएम मोदी और सीएम योगी ने दिया भरोसा
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने व्हीलचेयर पर बैठे मुकेश राजपूत से फोन पर बात की। उन्होंने सांसद को पूरी देखभाल करने और जल्दबाजी न करने की सलाह दी। सीएम योगी ने भी सांसद के स्वास्थ्य की जानकारी ली।
राहुल गांधी पर गंभीर आरोप
सांसद के भतीजे राहुल राजपूत ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी पर तीखे आरोप लगाए। उन्होंने कहा, “राहुल गांधी ने जानबूझकर मेरे चाचा को धक्का दिया। उनकी सोच तालिबानी है। यह घटना राहुल गांधी की बदले की भावना का नतीजा है, क्योंकि 2014 में मुकेश राजपूत ने सलमान खुर्शीद को हराया था।”
लोधी समाज का विरोध प्रदर्शन
इस घटना को लेकर लोधी समाज में आक्रोश है। लोधी महासभा ने राहुल गांधी और कांग्रेस का पुतला फूंकने और विरोध प्रदर्शन का ऐलान किया है। महासभा के नेताओं ने इसे शर्मनाक घटना बताते हुए दोषियों पर सख्त कार्रवाई की मांग की है।
पार्टी नेताओं की प्रतिक्रिया
भाजपा नेताओं ने इस घटना को “सांसद पर जानबूझकर किया गया हमला” करार दिया। फर्रुखाबाद से आईं सांसद की पत्नी सौभाग्यवती राजपूत ने भी मामले की कड़ी निंदा की और कहा कि दोषियों को सजा मिलनी चाहिए।
जांच जारी
डॉक्टरों के अनुसार, सांसद की स्थिति अभी स्थिर है, लेकिन जांच के बाद ही उनकी चोटों की गंभीरता का पता चल सकेगा। पार्टी के शीर्ष नेताओं ने इस मामले को गंभीरता से लेने और कानूनी कार्रवाई करने का आश्वासन दिया है।
यह घटना न केवल संसद की गरिमा के खिलाफ है, बल्कि राजनैतिक विवाद को भी बढ़ावा दे रही है। मामले की निष्पक्ष जांच और उचित कार्रवाई की जरूरत है ताकि संसद की मर्यादा बनी रहे।